जून में कब मनाया जाएगा प्रदोष व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी नकारात्मकता दूर हो जाती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
इस बार प्रदोष व्रत 4 जून, 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। मंगलवार को पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है, जब यह व्रत इतने करीब है, तो आइए इसकी तिथि और पूजा विधि जानते हैं –
कब है प्रदोष व्रत ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 04 जून ( अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार) को रात्रि 12 बजकर 18 पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि की समाप्ति 04 जून को रात्रि 10 बजकर 01 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को मनाया जाएगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
भगवान शिव और देवी पार्वती के सामने व्रत का संकल्प लें।
एक चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ करें।
देसी घी का दीपक जलाएं।
सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं।
भगवान शंकर को खीर, हलवा, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें।
प्रदोष पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी मानी जाती है, इसलिए प्रदोष काल में ही पूजा करें।
व्रती सात्विक भोजन से अपना व्रत अगले दिन खोलें।
व्रत के दौरान सिर्फ फलाहार करें।