जमीन खोदी तो उड़ गए होश, जीसीबी चालक भी कांप गया, औद्योगिक क्षेत्र में हुई बड़ी घटना
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सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में खुदाई के दौरान एक बड़ा हादसा सामने आया, जब साढ़े पांच फीट लंबा जहरीला कोबरा घायल हो गया। खुदाई के दौरान मिट्टी में फंसे इस सांप को बड़ी मशक्कत के बाद सर्पमित्र ने बाहर निकाला। जब उसे ध्यान से देखा गया, तो पता चला कि वह अपनी पूंछ के पास से घायल था। तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया गया और उसकी हालत बताई गई, जिसके बाद डॉक्टर ने उसे क्रीम लगाने और इंजेक्शन देने की सलाह दी।
घायल कोबरा हुआ आक्रामक
घायल होने के कारण कोबरा आक्रामक हो गया और कई बार हमला करने की कोशिश करने लगा। फिलहाल, सर्पमित्र उसे अपने पास रखकर पूरी देखभाल और इलाज कर रहे हैं। यह घटना उस समय हुई जब इंडस्ट्रियल एरिया की एक कंपनी में खुदाई का काम किया जा रहा था। वहां जेसीबी से जमीन खोदी जा रही थी, तभी खुदाई के दौरान मजदूरों ने मिट्टी में फंसे एक बड़े सांप को देखा। वह न तो आगे बढ़ पा रहा था और न ही पीछे हट पा रहा था, जिससे वहां काम कर रहे लोग डर गए। देखते ही देखते वहां भीड़ इकट्ठा हो गई, सभी लोग सांप को देखने के लिए जमा हो गए। इस बीच, कुछ लोगों ने सर्पमित्र को बुलाने की सलाह दी और तुरंत महेंद्र श्रीवास्तव को फोन कर पूरी जानकारी दी गई। जब महेंद्र मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि सांप मिट्टी और पत्थरों के बीच बुरी तरह फंसा हुआ था और उसकी हालत चिंताजनक थी।
दर्द की वजह से कर रहा था हमला
महेंद्र ने बताया कि जब उन्होंने कोबरा को पहली बार देखा, तो वह मिट्टी और पत्थरों के बीच फंसा हुआ था, जिससे अंदाजा लगाया गया कि जेसीबी की खुदाई के दौरान वह घायल हो गया होगा। उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन जैसे ही उसे छूने की कोशिश की गई, उसने बचाव में हमला करने की कोशिश की। उसकी हालत देखकर साफ पता चल रहा था कि वह दर्द में था और बुरी तरह से घायल हो गया था।
जख्मी हो गया था, मुंह पकड़कर निकाला
सांप को निकालने के लिए महेंद्र ने एक व्यक्ति से गमछा लिया और उससे उसे पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान कोबरा खुद को बचाने के लिए लगातार बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मिट्टी और पत्थरों में फंसे होने के कारण वह हिलने-डुलने में असमर्थ था। महेंद्र ने किसी तरह उसका मुंह पकड़ा और पत्थर-मिट्टी हटाकर उसे सुरक्षित बाहर निकाला। बाहर निकालने के बाद देखा गया कि उसकी त्वचा पर कई चोटें और घाव थे, खासकर उसकी पूंछ के पास गहरा जख्म था। इसके बाद उसे तुरंत पानी से साफ किया गया ताकि घाव की गंभीरता को समझा जा सके।
इतना बड़ा सांप देखकर डर गए लोग, साढ़े पांच फीट लंबाई
कोबरा के बाहर आते ही लोगों में हलचल मच गई, क्योंकि इतने बड़े सांप को देखकर लोग दंग रह गए। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि यह सांप करीब साढ़े पांच फीट लंबा है। बाहर निकालने के बाद उसे पानी से धोकर एक बाल्टी में रखा गया ताकि उसकी त्वचा साफ हो सके और उसे कुछ राहत मिले। जब उसकी हालत को ध्यान से देखा गया, तो वहां मौजूद लोगों ने सर्पमित्र से उसका इलाज कराने का आग्रह किया, ताकि वह जल्दी ठीक हो सके।
महेंद्र ने बताया कि कोबरा की स्थिति को देखते हुए उन्होंने उसे अपने पास इलाज के लिए रख लिया। एक रात बीतने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि सांप ज्यादा गंभीर रूप से घायल नहीं था, लेकिन जब ध्यान से जांच की गई, तो उसकी पूंछ के पास एक गहरा घाव नजर आया। इस पर उन्होंने तुरंत डॉक्टर से सलाह ली। डॉक्टर ने उन्हें निर्देश दिया कि सांप को इंजेक्शन दिया जाए और घाव पर बीटाडीन क्रीम लगाई जाए।
डॉक्टर के बताए अनुसार, महेंद्र ने तुरंत दवाएं खरीदीं और कोबरा का इलाज शुरू किया। जब उसे इलाज के लिए बाहर निकाला गया, तो वह काफी आक्रामक हो गया और बार-बार हमला करने की कोशिश करने लगा। हालांकि, महेंद्र ने अपने एक परिचित की मदद से किसी तरह उसे पकड़ा और उसकी चोट पर दवा लगाई। इसके बाद, घाव पर पट्टी बांध दी गई ताकि दवा का असर हो सके और संक्रमण न फैले। इस पूरे इलाज के दौरान कोबरा की आक्रामकता साफ झलक रही थी, लेकिन उसके इलाज में कोई बाधा नहीं आई।
महेंद्र ने बताया कि कोबरा करीब साढ़े पांच फीट लंबा है और घायल होने के बावजूद वह पूरी तरह से सक्रिय है। उसे लकवा (पैरालिसिस) नहीं हुआ है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इलाज से वह जल्दी ठीक हो जाएगा और उसके घाव भी जल्द भरने लगेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि कोबरा को वे लगभग एक हफ्ते तक अपने पास रखेंगे और जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता, तब तक उसकी देखभाल और इलाज जारी रहेगा। घायल होने के बावजूद कोबरा पूरी तरह से मूवमेंट कर रहा है, जो एक अच्छा संकेत है।
महेंद्र ने आगे बताया कि इस कोबरा की उम्र लगभग 12 से 15 साल के बीच हो सकती है और यह एक बेहद जहरीला सांप है। हालांकि, सांपों की खासियत यह होती है कि वे बिना खाए भी लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। इस कोबरा की हालत देखकर लग रहा है कि वह जल्द ही अपनी केंचुली छोड़ने वाला है। उम्मीद की जा रही है कि इलाज के बाद यह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा और फिर उसे जंगल में किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाएगा, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में लौट सके और स्वतंत्र रूप से जीवन व्यतीत कर सके।