आंतों की सेहत खराब होने पर शरीर में कुछ संकेत नजर आने लगते हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना बहुत जरूरी

डाइजेशन का खराब होना बहुत सारी बीमारियों की जड़ बन सकता है। जब हमारा पाचन सही नहीं होता है, तो शरीर को कई बीमारियां घेरने लगती हैं और इम्यूनिटी पर भी इसका असर पड़ता है। हेल्दी रहने के लिए खाने का ठीक से पचना, खाने से शरीर को पूरी एनर्जी मिलना और टॉक्सिन्स का शरीर से बाहर निकलना बहुत जरूरी है। हमारे पाचन तंत्र को सेहतमंद रखने के के लिए कई अंग मिलकर काम करते हैं। जिनमें आंतों की अहम भूमिका है। आंते सिर्फ हमारे शरीर में खाना पचाने का काम नहीं करती हैं बल्कि ये शरीर से अनहेल्दी टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालती हैं।

इसलिए आंतों के ठीक से काम न करने पर हमारी बॉडी में इसके लक्षण साफ नजर आने लगते हैं। इन लक्षणों को समय रहने पहचानना बहुत जरूरी है। साथ ही गट हेल्थ के लिए कुछ आदतों से भी दूरी बनानी चाहिए। इस बारे में डाइटीशियन मनप्रीत हमें जानकारी दे रही हैं। डाइटीशियन मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स की है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

गट हेल्थ खराब होने के संकेत

  • अगर आपको ज्यादा शुगर क्रेविंग्स हो रही हैं तो ये भी इस बात का संकेत है कि आपकी गट हेल्थ यानी आंतों की सेहत खराब हो रही है।
  • दिन भर काम करने के बाद शाम में या रात को थकान महसूस होना आम बात है, लेकिन अगर आपको सुबह उठते ही थकान लगती है, पूरे दिन आप थका हुआ और कमजोर फील करती हैं, तो आपकी आंतों में जरूर कोई न कोई परेशानी है।
  • पीरियड्स या पीएमएस के दौरान ज्यादा परेशानी होने के पीछे भी आंतों की खराब सेहत हो सकती है। वहीं पीरियड्स का अनियमित होना भी खराब गट हेल्थ का संकेत है।
  • अगर आपको बीमारियां जल्दी घेर लेती हैं, तो इसके पीछे भी गट हेल्थ का ठीक न होना है।
  • शरीर के हेल्दी रहने के लिए नींद का सही होना भी जरूरी है। अगर आपको रात को ठीक से नींद नहीं आती है, तो भी आपको सचेत होने की जरूरत है।
  • इसके अलावा आंतों की खराब सेहत का एक लक्षण सुबह पेट ठीक से साफ न होना भी है। (कब्ज के कारण)
  • अगर आपको खाना निगलने में कठिनाई होती है, या फिर खाने के बाद जी मिचलाता है तो ये भी आंतों की खराब सेहत का ही लक्षण है।

इन आदतों से रहें दूर

  • गट को हेल्दी रखने के लिए आपको खाने को ठीक से चबाकर खाना चाहिए।
  • अपनी डाइट में दही को शामिल करें। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं।
  • तले-भुने और मसालेदार खाने से दूर रहें।
  • बैलेंस डाइट लें।
  • स्ट्रेस से दूर रहने की कोशिश करें।

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