ट्रेनिंग शूज़ पहनकर लड़की पहुंची ऑफिस, बॉस ने नौकरी से निकाला
हर ऑफिस का एक डेकोरम होता है. वहां क्या पहनकर आना है, इसके लिए कोई नियम तो नहीं होता, पर हिदायत दी जाती है कि लोगों को फॉर्मल कपड़ों में आना है या फिर कैजुअल में. जहां कोई हिदायत नहीं होती, जैसे मीडिया कंपनियों में, वहां पर लोग जीन्स और स्पोर्ट्स शूज़ पहनकर भी आ जाते हैं. एक 18 साल की लड़की ब्रिटेन की एक कंपनी में नई-नई भर्ती हुई, पर उसे 3 महीनों में ही निकाल दिया गया. निकालने का कारण ये था कि वो एक दिन ऑफिस, ट्रेनिंग शूज़, जिसे स्पोर्ट्स शूज़ भी कहते हैं, में चली गई थी. लड़की ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट केस किया, जिसके बाद कोर्ट ने उसके समर्थन में फैसला किया और उसे 32 लाख रुपये कंपनी की ओर से मिल गए.
मेट्रो वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार एलिजाबेथ बेनासी (Elizabeth Benassi) अब 20 साल की हैं, पर जब वो 2022 में 18 साल की थीं, तब उन्होंने मैक्सिमस यूके सर्विसेज में काम करना शुरू किया था. ये कंपनी डिपार्टमेंट फॉर वर्क और पेंशन्स के लिए सर्विसेज सप्लाई करने का काम किया करती थी. उनके मैनेजर उन्हें बच्चों की तरह ट्रीट किया करते थे. बात-बात पर डांट देना, काम में अनुभवहीन समझना.
स्पोर्ट्स शूज पहनकर पहुंची लड़की तो नौकरी से निकाला
दरअसल, बाकी अन्य लोग एलिजाबेथ से उम्र में बड़े थे. नौकरी के कुछ ही दिन बाद वो काम पर स्पोर्ट्स शूज पहनकर पहुंच गईं. तब उनकी बॉस ने उन्हें डांटा और ऐसे ट्रीट किया जैसे वो बच्ची हों. हालांकि, उन्हें नहीं पता था कि ऑफिस में स्पोर्ट्स शूज पहनना मना है. नौकरी जॉइन करने के सिर्फ 3 महीने बाद ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. जितने कारण उन्हें बताए गए, उसमें से एक कारण ये भी था कि वो ऑफिस में जूते पहनकर आई थीं.
लड़की को मिलेगा मुआवजा
उन्होंने कंपनी पर इस आधार पर केस किया कि उनकी उम्र की वजह से उन्हें विक्टिम बनाया जाता था. कंपनी ने बोला कि उन्हें नौकरी से इस वजह से निकाला गया क्योंकि उनकी परफॉर्मेंस नहीं अच्छी थी, पर कोर्ट ने एलिजाबेथ की ओर से फैसला सुनाया और माना कि उनको दुरभावना की वजह से निकाला गया है. कोर्ट ने कहा कि दूसरे कर्मी भी स्पोर्ट्स शूज पहनकर जब ऑफिस आते हैं, तो उन्हें क्यों नहीं वैसे ही ट्रीट किया गया, जैसे एलिजाबेथ को किया गया. कोर्ट ने मुआवजे के रूप में एलिजाबेथ को 32 लाख रुपये देने का फैसला किया.