बेटी पैदा हुई तो पति ने अस्पताल में ही पत्नी को कहा तलाक..तलाक..तलाक

तीन तलाक को अवैध घोषित करने और तलाक देने पर तीन साल की सजा का प्राविधान करने को लेकर गुरुवार को तीन तलाक का बिल राज्यसभा में पेश हो जाएगा। वहीं इस दौरान सरकार के साथ सभी विपक्षी भी थे, लेकिन दूसरी तरफ इस कानून के बनने से पहले ही कुछ लोग लगातार तलाक देते जा रहे हैं। लोक सभा में तीन तलाक विरोधी बिल यानी ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’  पास होने की तरफ एक एक कदम बढ़ा रहा है। वहीं दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली के ओखला जसौले में शौहर ने अपनी बीवी को सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया, क्योंकि उसने बेटी को जन्म दिया था। शौहर ने बीवी के घर आने का भी इंतजार नहीं किया और जैसे ही उसे अस्पताल में ये पता चला कि उसकी बीवी ने बेटे को नहीं बल्कि बेटी को जन्म दिया तो अस्पताल में ही तलाक..तलाक..तलाक कह डाला।

बेटी पैदा हुई तो पति ने अस्पताल में ही पत्नी को कहा तलाक..तलाक..तलाकमामला मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना इलाके की रहने वाली हुस्ना उर्फ गुडिया का है। हुस्ना का निकाह डेढ़ साल पहले दिल्ली के ओखला जसौले के रहने वाले अकील से हुआ था। चार महीने पहले हुस्ना ने एक बेटी को जन्म दिया और आरोप है कि अकील ने अस्पताल में ही हुस्ना को तलाक दे दिया। पीड़िता हुस्ना समाजसेवी अबरार अहमद के साथ एसएसपी के दरबार में इंसाफ की गुहार लेकर पहुंची थी, लेकिन एसएसपी मंजिल सैनी तहसील दिवस में थीं, इसलिए वो नहीं मिल पाई। अब हुस्ना एसएसपी से फिर गुहार लगाने आएगी।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ पहला मामला है। बल्कि इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर खालिद बिन यूसुफ ने पत्नी यास्मीन को तलाक..तलाक..तलाक..कहकर अपने सभी रिश्ते-नाते तोड़ दिए। खालिद ने एक-एक महीने के अंतराल में तीन बार तलाक दिया। तीसरे तलाक के साथ ही खालिद दंपती का 22 साल का रिश्ता भी टूट गया। खालिद ने तलाक पहले मौखिक, बाद में व्हाट्सएप, मोबाइल और रजिस्टर्ड डाक से दिया, जो काफी चर्चा में भी रहा था। तलाक पीड़िता यास्मीन ने बीते कुछ महीनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई थी।

यास्मीन को खालिद ने तीसरा तलाक 28 दिसंबर 2017 को दिया, बताया जा रहा है कि युसुफ ने तीसरा तलाक यास्मीन को घर जाकर दिया। बता दे कि एक-एक महीने के दरम्यान दिए गए तलाक को तलाक-ए-हसन कहते हैं। जिसे शरीयत और अदालत भी मानती है। खालिद ने तलाक-ए-हसन के तहत ही यास्मीन को तलाक दिया है। बताया जा रहा है कि यास्मीन के जीविकोपार्जन के लिए खालिद आवश्यक इंतजाम करेंगे। वहीं बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी भी लेंगेष बहरहाल खालिद मीडिया के सामने अभी अपना पक्ष रखने से बच रहे हैं। वहीं तीसरा तलाक मिलने के बाद यास्मीन की मुश्किलें और बढ़ गई है, अब यास्मीन एक बार फिर अदालत का दरवाजा खटखटा रही है।

 

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