जब रतन टाटा पर भड़कीं जर्मनी की महिलाएं, देना पड़ गया 4600 रुपये का जुर्माना!

पद्म विभूषण रह चुके भारत के मशहूर कारोबारी रतन टाटा 86 साल में इस दुनिया से विदा हो गए. उनके निधन के बाद पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है. उनके सामाजिक कार्यों से लेकर एक कामयाब कारोबारी बनने के सफर की चर्चा हो रही है. इस सफर में उन्होंने तमाम तरह के उतार-चढ़ाव देखे और वे अपने अनुभवों को अपने प्रशंसकों से साझा करते रहते थे.

अपने उदार व्यवहार और साधारण जीवनशैली के मशहूर दिवंगत रतन टाटा की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ एक वाक्या हम आपसे शेयर कर रहे हैं. उन्होंने खुद एक बार एक ट्वीट में इसे बताया था, जो बहुत प्रेरक है. उन्हें जर्मनी में एक बार महिलाओं के गुस्से का शिकार होना पड़ गया था. इस घटना से उन्हें गुस्सा नहीं आया बल्कि उन्होंने जो सीख ली, वो अपने प्रशंसकों से साझा की थी.

जर्मन महिलाओं से गुस्से के शिकार हुए रतन टाटा
सोशल मीडिया पर रतन टाटा से जुड़ा एक किस्सा खूब शेयर होता है. एक बार जर्मनी के हेमबर्ग में कुछ महिलाएं उनकी एक हरकत की वजह से भड़क गई थीं. वे कारोबार के सिलसिले में अपने एक दोस्त के साथ हेमबर्ग गए थे. वे एक होटल में बैठे और खाना ऑर्डर किया. दोनों ने जब अपना खाना खा लिया तो बिल के पैसे रखकर वहां से उठने लगे. इतने में उनके सामने बैठी कुछ महिलाओं ने उन्हें घृणा की दृष्टि से देखा और उनके लिए कुछ उल्टी-सीधी बातें कहने लगीं. ऐसे में रतन टाटा और उनके दोस्त ने सफाई दी कि वे खाने का बिल चुका चुके हैं. हालांकि महिलाएं शांत नहीं हुईं और गुस्से में उन्होंने एक सामाजिक संस्था को फोन लगा दिया.

आखिर क्यों भड़की थीं महिलाएं?
जब संस्था के लोग वहां पहुंचे, तो रतन टाटा और उनके दोस्त को पता चला कि महिलाएं उनके खाना छोड़ने की हरकत पर गुस्से में थीं. उनका कहना था कि आपने पैसे भले ही दिए हों, लेकिन इसे खराब करने का हक उनका नहीं है. इस पर उन्हें 50 यूरो यानि भारतीय मुद्रा में करीब 4600 रुपये का जुर्माना भी देना पड़ा. इस घटना से रतन टाटा के मन में जर्मनी के लिए इज्ज़त बढ़ गई. उन्होंने कहा था कि जिस देश के नागरिक इतने सभ्य और उच्च सोच रखते हैं, वो विकसित होगा ही.

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