मार्च महीने में कब है मीन संक्रांति?

ज्योतिषियों की मानें तो मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2025 Date) के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है। हालांकि भारत में ग्रहण नहीं दिखाई देगा। इसके लिए सूतक मान्य नहीं होगा। मीन संक्रांति के अगले दिन चैत्र महीने की शुरुआत होगी। चैत्र महीने में राम नवमी मनाई जाती है। राम नवमी के दिन भगवान श्रारीम की पूजा एवं भक्ति की जाती है।
सनातन धर्म में संक्रांति तिथि आत्मा के कारक सूर्य देव को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही आरोग्य जीवन यानी मानसिक एवं आर्थिक कष्टों से मुक्ति पाने के लिए सूर्य देव की साधना करते हैं। संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान कर पूजा, जप-तप एवं दान-पुण्य किया जाता है। सूर्य देव की उपासना करने से करियर संबंधी परेशानी दूर होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के मीन राशि में गोचर करने की तिथि से खरमास की शुरुआत होगी। खरमास के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। इस दौरान सूर्य देव की पूजा की जाती है। आइए, मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2025 Date) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2025)
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य देव फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर राशि परिवर्तन करेंगे। वर्तमान समय में सूर्य देव कुंभ राशि में विराजमान हैं। वहीं, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर मीन संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्य देव 14 मार्च को संध्याकाल 06 बजकर 58 मिनट पर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में सूर्य देव 13 अप्रैल तक रहेंगे। इसके अगले दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे।
मीन संक्रांति शुभ मुहूर्त (Meen Sankranti Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा है। इसी तिथि पर मीन संक्रांति मनाई जाएगी। 14 मार्च को पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 29 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 29 मिनट तक है। वहीं, पुण्य क्षण शाम 06 बजकर 59 मिनट पर है। इस दौरान साधक स्नान-ध्यान कर सूर्य देव की पूजा कर सकते हैं।
मीन संक्रांति शुभ योग (Meen Sankranti Shubh Yog)
मीन संक्रांति पर शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास योग दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से है। इस समय देवों के देव महादेव कैलाश पर मां गौरी के साथ रहेंगे। इसके साथ ही उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग है। वहीं, बव एवं बालव करण के योग हैं।
पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 32 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 29 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 38 मिनट पर
चंद्रास्त- नहीं
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 55 मिनट से 05 बजकर 44 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 51 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक