अमेरिकी चुनाव में चलेगा ट्रंप का हिंदू कार्ड? दीवाली संदेश पर वोटर्स को लुभाने के लिए बढ़ाया एक और कदम…

अगले हफ्ते मंगलवार को अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव है और अब वहां सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी व विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच भारतीय मूल के वोटरों को लुभाने की कोशिश तेज हो चुकी है। कुछ दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी दीवाली पार्टी के जरिए भारतीय मूल के वोटरों के बीच पैठ बनाने की कोशिश की तो दीवाली के दिन रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार व पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संदेश में ना सिर्फ भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को और मजबूत बनाने की बात कही है, बल्कि बाइडन प्रशासन पर हिंदुओं के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

ट्रंप ने दिए अहम संकेत

इसके साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं व दूसरे अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठा कर यह संकेत भी दिया कि अगर वह सत्ता में दोबारा लौटते हैं तो इस बारे में अमेरिका की मौजूदा नीति में बदलाव भी कर सकते हैं। वैसे जो संकेत अमेरिका से अभी मिल रहे हैं, उसके मुताबिक वहां रहने वाले 19 लाख भारतीय मूल के वोटर अपनी पसंद को लेकर बंटे हुए हैं।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले का जिक्र

ट्रंप ने अपनी दीवाली संदेश की शुरुआत ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों से की है। उन्होंने लिखा है कि मैं बांग्लादेश, जो अभी बहुत अराजकता में है, में हिंदुओं, इसाइयों व दूसरे अल्पसंख्यकों पर हो रहे वीभत्स हमलों और उनकी लूट की कठोर शब्दों में निंदा करता हूं। मेरे सत्ता में होने पर ऐसा कभी नहीं होगा। कमला व बाइडन ने अमेरिका व दुनिया में हिंदुओं की अवहेलना की है। वो यूक्रेन से लेकर इजरायल तक और हमारे दक्षिणी सीमाओं तक उनकी नीतियां मुसीबतों वाली रही हैं, लेकिन हम अमेरिका को एक बार फिर मजबूत बनाएंगे और शक्ति के जरिए शांति स्थापित करेंगे। हम कट्टर वामपंथियों की धर्मविरोधी एजेंडे से हिंदू अमेरिकियों को बचाएंगे। हम उनकी आजादी के लिए लड़ेंगे, मेरा प्रशासन भारत व मेरे प्रिय मित्र नरेन्द्र मोदी के साथ हमारी जबरदस्त साझेदारी को और मजबूत करेगा।

दीवाली पर जारी हुआ संदेश

ट्रंप का यह संदेश दीवाली के अवसर पर जारी किया गया है जिसके अंत में उन्होंने दीवाली की शुभकामना देते हुए इसे प्रकाश-पर्व बताया है जो असत्य पर सत्य की विजय के तौर पर मनाया जाता है, लेकिन इस संदेश से पहले उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी कमला हैरिस की नीतियों की जमकर आलोचना की है। खास तौर पर उनकी उन नीतियों की जो छोटे व्यवसाय को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

बताया जाता है कि यह बात भी भारतीय वोटरों को ध्यान में रख कर ही किया गया, क्योंकि बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय अमेरिका में डिपार्टमेंटल स्टोर आदि स्थापित कर रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि ट्रंप पिछले कुछ हफ्तों में कई बार सार्वजनिक भाषणों में पीएम मोदी को अपना मित्र भी बता रहे हैं।

सितंबर, 2024 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले ट्रंप ने एक चुनावी रैली में यह घोषणा कर दी थी कि मोदी की उनसे मुलाकात होने जा रही है। हालांकि, यह मुलाकात नहीं हो पाई थी। अमेरिका से जो सूचना आ रही है उसके मुताबिक, भारतीय मूल के वोटरों के बीच अभी भी कमला हैरिस के पक्ष में ज्यादा समर्थन है। एक ताजा सर्वे में 69 फीसद भारतीय वोटरों ने हैरिस के समर्थन में वोट करने की बात कही है। वैसे फिलाल्डेल्फिया जैसे कुछ ही बड़े शहर हैं जहां भारतीय वोटरों का एकमुश्त वोट जीत-हार की भूमिका निभा सकता है। भारतीय वोटर पारंपरिक तौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी के ही समर्थक माने जाते हैं।

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