दूरदर्शन के इस सीरियल से की थी करण ने एक्टिंग करियर की शुरुआत, जानें- कैसे बने निर्देशक?

करण जौहर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का एक जाना-माना नाम है। उन्होंने अपने करियर में ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘कभी अलविदा न कहना’ समेत कई फिल्मों का निर्देशन किया है और साथ ही कई मूवीज के प्रोड्यूसर भी रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, उनकी कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस के तहत कई सफल अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं को लॉन्च किया गया।

आज 25 मई को करण जौहर अपना 52वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें फैंस और स्टार्स जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। निर्माता और निर्देशन के साथ-साथ एक्टिंग में भी अपना दम दिखा चुके करण को लेकर कई लोगों को यह लगता है उन्होंने अपने कजिन आदित्य चोपड़ा की फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से बॉलीवुड में कदम रखा था।

इसके बाद उन्होंने साल 2015 में आई अनुराग कश्यप की ‘बॉम्बे वेलवेट’ में काम किया, लेकिन ऐसा नहीं है करण ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत बहुत पहले छोटे पर्दे से की थी। चलिए जानते हैं इसके बारे में।

टीवी के इस शो में नजर आए थे करण
करण जौहर ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1989 में आए टीवी सीरियल ‘इंद्रधनुष’ से की थी। इस समय उनकी उम्र बहुत कम थी। इंद्रधनुष में उन्होंने श्रीकांत का किरदार निभाया था। इंद्रधनुष का निर्देशन आनंद महेंद्रू ने किया था और यह साइंस-फिक्शन शो था, जो दूरदर्शन पर आया करता था। इस बात का खुलासा उन्होंने रितेश और साजिद के शो यारों की बारात में भी किया था।

इस फिल्म से की निर्देशन की शुरुआत
करण जौहर ने एक्टिंग के बाद निर्देशन में कदम रखा और साल 1998 में आई फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ से अपने निर्देशन की शुरुआत की। उनकी पहली ही फिल्म रिलीज होने के बाद ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इसके बाद उन्होंने साल 2001 में आई फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ का निर्देशन किया, वो भी सुपरहिट हुई। इन दोनों ही फिल्मों के लिए करण ने बेस्ट डायरेक्टर समेत कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए।

इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन किया। वहीं, ‘ब्रह्मास्त्र’, ‘राजी’, ‘योद्धा’ और ‘डियर जिंदगी’ समेत कई फिल्मों के प्रोड्यूसर भी रहे। निर्माता-निर्देशक और एक्टर होने के साथ-साथ करण अपने शो ‘कॉफी विद करण’ को होस्ट भी करते हैं। करण जौहर ने अपने एक पोस्ट में इस बात का जिक्र किया था कि वह आदित्य चोपड़ा और शाह रुख खान ही थे, जिन्होंने उन्हें इस चीज के लिए मनाया कि वह स्टोरी टेलिंग कर सकते हैं।

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