जानिये क्या है कनेक्शन PM मोदी के ‘गिव इट अप’ और ‘स्वच्छ भारत’ से नोबेल प्राइज का
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो प्रमुख पहल ‘गिव इट अप’ और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ नड्ज (कुहनी से हल्का धक्का मारना) वाली थ्योरी से प्रेरित हैं। इस थ्योरी ने अर्थशास्त्री रिचर्ड थेलर को नोबेल पुरस्कार दिलवाया था।
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नोबल जिताने वाली थ्योरी पर लिखी गई किताब ‘Nudge: Improving Decisions About Health, Wealth and Happiness’ में थेलर और उनके सहायक लेखक कास संस्टेन ने बताया है कि इसमें वातावरण तैयार करके एक निर्णय किया जाता है जो कुछ सामाजिक वरीयताओं को बढ़ावा देता है। माना जाता है कि किसी शख्स को अच्छे काम के लिए हल्का सा धक्का देना होता है और ऐसा ही पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत और एलपीजी सब्सडी छुड़वाने के लिए किया।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी माना कि पीएम मोदी द्वारा लोगों को काफी प्रोत्साहित किया गया ताकि वह इनमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले सकें।
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पनगढ़िया के अनुसार स्वच्छ भारत अभियान इस थ्योरी का सबसे बड़ा उदाहरण है। पनगढ़िया ने कहा कि स्वच्छता काफी जरूरी है लेकिन लोग यह जानते नहीं है इसलिए कुछ नहीं करते और पीएम ने इसपर पहले के प्रधानमंत्रियों के मुकाबले ज्यादा बल दिया।