क्या है Birthright Citizenship आदेश जिस पर कोर्ट ने लगाई रोक, भारतीयों पर कितना होगा असर? 

राष्ट्रपति बनने के बाद जन्मसिद्ध अधिकार पर रोक लगाने वाले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को  झटका लगा है। अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले पर रोक लगा दी है। ट्रंप ने अमेरिका में जन्म के आधार पर नागरिकता देने के कानून को निरस्त किया था। जज ने ट्रंप प्रशासन के  फैसले को स्पष्ट रूप से असंवैधानिक करार दिया है।

चार डेमोक्रेटिक शासित राज्यों, वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन की याचिका पर विचार करते हुए अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन कॉफेनॉर ने ट्रंप प्रशासन के आदेश को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया है।

आइए पढ़ें कि कोर्ट ने ट्रंप के फैसले पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने क्या कहा है। वहीं, ट्रंप ने इस जन्मसिद्ध नागरकिता खत्म करने के पीछे क्या दलील दी है। 

कोर्ट ने ट्रंप के फैसले पर लगाई रोक
न्यायमूर्ति कॉफेनॉर ने आदेश पर रोक लगाते हुए कुछ सख्त टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा कि कोई कानूनविद यह कैसे कह सकता है कि यह आदेश संवैधानिक है। यह तो मेरी समझ से बाहर है। ट्रंप प्रशासन का फैसला स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है।
उन्होंने आगे कहा, मैं चार दशक से कोर्ट के कामकाज संभाल रहा हूं। ऐसा कोई अन्य मामला याद नहीं आता जब कोई ऐसा असंवैधानिक फैसला लिया है। बता दें कि 84 वर्षीय कॉफेनॉर, रोनाल्ड रीगन द्वारा नियुक्त व्यक्ति हैं, जिन्हें 1981 में संघीय पीठ के लिए नामित किया गया था

सरकार की ओर से क्या दी गई दलील?
वाशिंगटन राज्य के सहायक अटॉर्नी जनरल लेन पोलोजोला ने सुनवाई के दौरान ट्रम्प की नीति का हवाला देते हुए न्यायाधीश से कहा, “इस आदेश के तहत, अब जो बच्चे पैदा होने वाले हैं, उनपर यह कानून लागू किया जाएगा।
न्याय विभाग के वकील ब्रेट शुमेट ने तर्क दिया कि डोनाल्ड ट्रम्प की कार्रवाई संवैधानिक थी और इसे रोकने वाले कोई भी न्यायिक आदेश बेहद अनुचित है। लेकिन इससे पहले कि शुमेट पोलोजोला अपनी बात खत्म करते कॉफेनॉर ने कहा कि उन्होंने अस्थायी निरोधक आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

क्या है ट्रंप का नया आदेश?
नए आदेश के मुताबिक अगर जन्म के साथ किसी बच्चे को अमेरिका की नागरिकता चाहिए तो उसके माता या पिता में से एक का अमेरिकी नागरिक होना अनिवार्य होगा। साथ ही किसी एक के पास ग्रीन कार्ड होना चाहिए या किसी एक का अमेरिका की सेना में होना जरूरी है।
ट्रंप का कहना है कि यह आदेश ‘बर्थ टूरिज्म’ और अवैध प्रवासियों को रोकने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। नागरिकता हासिल करने के मकसद से प्रवासी अमेरिका जाकर अपने बच्चे को जन्म देते हैं, जिससे बच्चे को खुद ही वहां की नागरिकता मिल जाती है।

क्या कहता है अमेरिका का संविधान?
अमेरिका की संविधान में हुए 14 वें संशोधन के मुताबिक जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है। मतलब, अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा खुद ही अमेरिका का नागरिक बन जाता है। भले ही उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी रही हो।
अमेरिका में सबको बराबरी का अधिकार देने के मकसद से यह संविधान संशोधन 1868 में लागू हुआ था। काफी समय से राजनीतिक दल अवैध प्रवासियों और घुसपैठ का मुद्दा लगातार उठा रहे थे। खासतौर पर ट्रंप इसके सख्त खिलाफ थे।

फैसले से भारतीयों पर भी पड़ेगा असर
बता दें कि साल 2023 में 59 हजार भारतीयों को अमेरिका की नागरिकता 1.5% हासिल हुई है। बीते वर्षों में यहां रहने वाले 48 लाख से ज्यादा भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई बच्चों को जन्म के आधार पर नागरिकता मिली है। लेकिन अब ट्रंप के आदेश के बाद ऐसा नहीं हो पाएगा।

उन बच्चों को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिल पाएगी, जो ग्रीन कार्ड या फिर एच-1बी वीजा के इंतजार में रह रहे बच्चों को मिल जाती थी, क्योंकि उनका जन्म अमेरिका में हुआ था।

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