अक्षय तृतीया का कुबेर देव से क्या है संबंध? यहां जानें

हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इसके अलावा कुबेर देव की भी पूजा करने का विधान है। इस बार अक्षय तृतीया का त्योहार 10 मई को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन और सौभाग्य में अपार में वृद्धि होती है। अक्षय तृतीया पर सोने-चांदी की खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अक्षय तृतीया का कुबेर देव से क्या संबंध है?

अक्षय तृतीया का कुबेर देव का संबंध

कुबेर को धन का देवता माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अलकापुरी राज्य पर शासन करने के लिए भगवान कुबेर को जिम्मेदारी दी गई थी। साथ ही स्वर्ग के वित्त को संभालने के लिए भी कहा गया था। वहीं कुबेर को भगवान शिव ने धनपति होने का आशीर्वाद दिया था। इसलिए अक्षय तृतीया का पर्व को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन कुबेर देव और मां लक्ष्मी की उपासना करने से धन और बिजनेस में वृद्धि होती है।

अक्षय तृतीया के नियम
अक्षय तृतीया के दिन स्नान करने के बाद ही तुलसी दल को तोड़ना चाहिए। माना जाता है कि बिना स्नान किए तुलसी के दल को तोड़ने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं।
इस पर्व पर घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि मां लक्ष्मी साफ-सफाई वाली जगह पर ही वास करती हैं।
अक्षय तृतीया के दिन मांस, मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन न करें। माना जाता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और इंसान को जीवन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।

Back to top button