वो कौन सा देश है, जहां लाल, पीली और नीली है ट्रैफिक लाइट?

बचपन से हमें सिखाया जाता है कि हरे का मतलब चलना होता है और लाल का मतलब रुकना. छोटे बच्चे तो कई बार अपने खेलों में भी ट्रैफिक लाइट का जिक्र करते हैं. कई कविताएं बन चुकी हैं जिसमें हरा, पीला और लाल रंग का जिक्र है. पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां पर वो सारी कविताएं, सीखी-सिखाई बातें गलत साबित हो जाती हैं? वो इसलिए क्योंकि इस देश में पीली और लाल लाइट तो इस्तेमाल होती है, पर हरी की जगह नीली लाइट का इस्तेमाल ट्रैफिक को चलाने के लिए किया जाता है.

चलिए आपको बताते हैं कि ये कौन सा देश है. इस देश का नाम है जापान. अपनी तकनीक, बेहतर सुविधाओं और मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए फेमस इस देश में आखिर ट्रैफिक लाइटों में हरे रंग (Why Japan Has Blue Traffic Lights) का प्रयोग क्यों नहीं होता है? दरअसल, जापानी भाषा की एक अजीब बात है, जिसकी वजह से ये सारी हेराफेरी हुई है. एटलस ऑब्सक्यूरा वेबसाइट के अनुसार सदियों से जापान में सिर्फ 4 प्रमुख रंग, काला, सफेद, लाल और नीला के लिए ही शब्द बने थे.

शब्दों में उलझ गए जापानी
जापान में नीले रंग को एओ बोलते हैं. अगर किसी हरी चीज के बारे में बताना होता था, तो उसे भी एओ ही कहते थे. बहुत सालों तक ऐसा ही चलता रहा. पर जब कई सदियां बीत गईं, तब हरे के लिए मिडोरी शब्द का प्रयोग होने लगा. मिडोरी भी एओ का ही शेड था. शब्द बदला पर लोगों उस नाम को नहीं अपनाया. लोग हरे को एओ ही बोलते थे.

इस वजह से इस्तेमाल होती है नीली लाइट
अब आते हैं ट्रैफिक सिग्नल की हरी लाइट पर. जापान की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मानकों को मानते हुए हरा रंग ही सिग्नल के लिए इस्तेमाल किया. पर जापान के ऑफिशियल ट्रैफिक रूल्स और डॉक्यूमेंट्स में ग्रीन लाइट को एओ ही कहा जाता था, मिडोरी नहीं. सरकार हरा रंग चुन रही थी, पर भाषा के जानकार और आम लोग उसका विरोध कर रहे थे. उनका कहना था कि अगर जापानी नियमों के हिसाब से एओ रंग चुनना है, तो सरकार को भी उसे ही प्रयोग में लाना चाहिए. बाहरी और अंदरूनी दबाव के बीच प्रशासन ने तीसरा रास्ता चुना. 1973 में उन्होंने फिरोजी रंग (turquoise colour) की लाइट चुनी. उन्होंने दावा किया कि उनका जो हरा रंग है, वो नीले का ही शेड है. यानी ऐसा रंग जो हरा है, पर नीला दिखता है. जापान जाने वाले लोग मानते हैं कि देश में नीली ट्रैफिक लाइट है, पर वहां की सरकार का तर्क है कि वो नीला नहीं, हरे का ऐसा शेड है जो नीला लगता है.

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