क्या है Silent Treatment? कैसे आपके रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकता है यह इमोशनल अत्याचार!

अपने पार्टनर से अपनी बात मनवाने के लिए या उनका अटेंशन पाने के लिए कई लोग साइलेंट ट्रीटमेंट (Silent Treatment) अपनाते हैं। साइलेंट ट्रीटमेंट आपके रिश्ते को कैसे प्रभावित करता है ऐसा करना फायदेमंद है या नुकसानदायक इस बारे में जान लेना जरूरी है। इस आर्टिकल में हम इसी टॉपिक पर बात करने वाले हैं। आइए जानें साइलेंट ट्रीटमेंट के प्रभाव (Disadvantages of Silent Treatment)।

आजकल आपने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट देखे होंगे, जिसमें कहा जा रहा है कि पार्टनर को सबक सिखाने के लिए साइलेंट ट्रीटमेंट (Silent Treatment) सबसे अच्छा तरीका है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर साइलेंट ट्रीटमेंट होता क्या है और यह रिश्ते पर क्या असर (Effects of Silent Treatment) डालता है।

क्या होता है साइलेंट ट्रीटमेंट?
साइलेंट ट्रीटमेंट एक ऐसा व्यवहार है जिसमें कोई व्यक्ति किसी समस्या या मुद्दे को सुलझाने के बजाय, अपने साथी के साथ बात करना बंद कर देता है। यह एक तरह से इमोशनल दूरी बनाना है, जिसमें व्यक्ति अपनी भावनाओं को जाहिर करने के बजाय, चुप्पी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है।

साइलेंट ट्रीटमेंट क्यों किया जाता है?

साइलेंट ट्रीटमेंट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे-

गुस्सा और निराशा- जब कोई व्यक्ति किसी बात से बहुत गुस्सा या निराश होता है, तो वह बात करने के बजाय, चुप रहना पसंद कर सकता है।

ध्यान खींचना- कभी-कभी लोग दूसरों का ध्यान खींचने के लिए साइलेंट ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करते हैं।

सजा देना- किसी को सजा देने के लिए भी साइलेंट ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इमोशन्स को छिपाना- अपनी असली भावनाओं को छिपाने के लिए भी लोग चुप रह सकते हैं।

साइलेंट ट्रीटमेंट का रिश्तों पर असर

साइलेंट ट्रीटमेंट का किसी भी रिश्ते पर गहरा असर पड़ सकता है। यह रिश्ते में दरार पैदा कर सकता है और विश्वास को कमजोर कर सकता है।

अविश्वास- साइलेंट ट्रीटमेंट से साथी को लगता है कि उस पर विश्वास नहीं किया जाता है।

दूरियां बढ़ना- चुप्पी की वजह से दोनों के बीच दूरियां बढ़ जाती हैं।

इमोशनल तकलीफ- साइलेंट ट्रीटमेंट से साथी इमोशनल रूप से बहुत पीड़ित हो सकता है।

रिश्ते का टूटना- अगर साइलेंट ट्रीटमेंट लगातार जारी रहता है, तो यह रिश्ते को तोड़ सकता है।

क्या साइलेंट ट्रीटमेंट फायदेमंद है?
साइलेंट ट्रीटमेंट किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं है। यह एक अनहेल्दी व्यवहार है, जो रिश्तों को नुकसान पहुंचाता है।

समस्या का हल नहीं- साइलेंट ट्रीटमेंट से किसी समस्या का हल नहीं होता है, बल्कि इसे और बढ़ा देता है।

इमोशनल नुकसान- यह दोनों साथियों को भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचाता है।

इनसेक्योरिटी- यह असुरक्षा और अविश्वास पैदा करता है।

साइलेंट ट्रीटमेंट से कैसे निपटा जाए?
खुले तौर पर बातचीत करें- अगर आपका पार्टनर साइलेंट ट्रीटमेंट दे रहा है, तो अपने पार्टनर से खुलकर बात करें और बताएं कि यह आपको कैसा लग रहा है।

समझने की कोशिश करें- अपने साथी की भावनाओं को समझने की कोशिश करें, लेकिन साथ ही अपनी भावनाओं को भी जाहिर करें।

प्रोफेश्नल मदद लें- अगर आप खुद से इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं, तो किसी काउंसलर या थेरेपिस्ट की मदद लें।

अपने आप पर ध्यान दें- अगर पार्टनर साइलेंट ट्रीटमेंट दे रहा है, तो अपने आप पर ध्यान दें और अपने इमोशन्स को कंट्रोल करने के तरीके सीखें।

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