मोटरसाइकिल पर क्यों लगाते हैं रंगीन झंडे, क्या होता है इनका मतलब

आजकल पहाड़ों पर मोटरसाइकिल राइड करना ट्रेंड बनता जा रहा है. इस वजह से शहरों की भीड़भाड़ से निकलकर लोग पहाड़ों पर जाते हैं और पहाड़ों के खूबसूरत नजारों के बीच बाइक चलाते हैं. अगर आपने कभी पहाड़ों पर किसी को बाइक चलाते देखा होगा, तो उनकी मोटरसाइकिल पर रंग-बिरंगे झंडों पर भी गौर किया होगा. क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर लोग ऐसे रंगीन झंडे (What are colourful flags on motorcycles) अपनी बाइक पर क्यों लगा लेते हैं? सिर्फ बाइक ही नहीं, उत्तराखंड-हिमाचल प्रदेश के कई मंदिरों पर भी आपको ये झंडे दिख जाएंगे. आखिर इसका मतलब क्या होता है? चलिए आपको बताते हैं.

इंस्टाग्राम यूजर और कंटेंट क्रिएटर अभिषेक सिंह (@tjabhishek) ने न्यूज18 से बात करते हुए कहा कि जब वो पहली बार नैनीताल गए थे, तब उन्हें ये झंडा जगह-जगह पर लगा दिखा. लोगों की बाइक पर भी उन्होंने ये झंडा (Tibetan prayer flags meaning) देखा तो उन्हें अपनी मोटरसाइकिल पर भी लगाने का मन हो गया. उसके बाद जाकर उन्हें मालूम हुआ कि इसका मतलब क्या होता है…तब से वो अपनी बाइक पर इस झंडे को रक्षा सूत्र और शुभ के तौर पर बांधे रहते हैं.

5 रंग के होते हैं ये ध्वज
तिब्बत नन प्रोजेक्ट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार ये तिब्बती प्रार्थना ध्वज (Tibetan prayer flags) होते हैं. तिब्बत में लोग इसे पवित्र ध्वज मानते हैं. ये 5 झंडों के सेट में आता है, जो 5 अलग-अलग रंग के होते हैं. नीला, सफेद, लाल, हरा और पीला झंडा बाएं से दाएं के क्रम में होता है. इन सभी रंगों के अलग-अलग मतलब होते हैं-

नीला- आकाश
सफेद- वायु
लाल- अग्नि
हरा- जल
पीला- धरती

बहुत से लोग इन्हें अलग-अलग लगा लेते हैं, पर ऐसा नहीं करना चाहिए. इन ध्वजों को साथ में ही लगाना चाहिए, क्योंकि ये प्रकृति के 5 तत्वों को दर्शाते हैं. स्पिरिचुअल ट्रैवल्स वेबसाइट के अनुसार ये झंडे शांति, और करुणा की भावना दर्शाने के लिए लगाए जाते हैं. ये तिब्बती बौद्ध धर्म की मान्यताओं से जुड़े हैं और धर्म में इसका अहम किरदार है. इन्हें तिब्बती संस्कृति में डार-चो कहते हैं. डार का अर्थ है जीवन, धन, संपत्ति और स्वास्थ को बढ़ाना वहीं चो का अर्थ है सभी संवेदनशील प्राणी. जब ये ध्वज हवा में उड़ते हैं, तो माना जाता है कि हवा में लहराने की वजह से इनकी ऊर्जा दूर-दूर तक जाती है और मानवता का कल्याण करती है.

झंडों पर क्या लिखा होता है?
इन ध्वजों के ऊपर बौद्ध मंत्र लिखे होते हैं, जिनका जाप किया जाता है. माना जाता है कि हवा चलने से ध्वज उड़ते हैं और मंत्र का प्रवाह वातावरण में हो जाता है. इन ध्वजों पर ये मंत्र विशेष रूप से लिखे होते हैं- ‘ओं मणिपद्मे हूं’ (ओम मणि पदमे हम) जिसका अर्थ है ‘कमल में रत्न’ (Om Mani Padme Hum meaning). माना जाता है कि इस मंत्र का ध्यान मुद्रा में जाप करने से इंसान अपने अंदर के अहंकार, ईर्ष्या, घमंड, लालच, और घृणा के भाव को दूर करता है और कमल में रत्न की तरह स्वच्छ हो जाता है. ये ध्वज दो तरह के होते हैं, लुंग-टा और दारचोग. इन ध्वजों को सम्मान और श्रद्धा भाव से ही घरों में, मंदिरों में और बाइक पर लगाया जाता है.

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