#सावधान: सूर्य के राशि परिवर्तन से आया आठ राशियों पर भारी संकट…

सनातन परंपरा में सूर्य को ब्रह्मांड का देवता माना गया है। भगवान सूर्य देव एक मात्र ऐसे देव हैं जो साक्षात लोगों को दिखाई देते हैं। किसी भी जातक की कुंडली में सूर्य जीवन में सम्मान, सफलता और उन्नति का कारक है। इन्हें सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। 17 अगस्त 2018 को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्य का यह राशि परिवर्तन जहां मिथुन, तुला, वृश्चिक और मीन के लिए शुभ साबित होगा, वहीं मेष, वृष, कर्क, सिंह, कन्या, धनु, मकर और कुंभ के लिए जहां कुछ मुश्किलें पैदा करेगा। ऐसे में कुछ सनातनी उपाय के माध्यम से सूर्य देवता को प्रसन्न करके अशुभ फलों से बचा जा सकता है। #सावधान: सूर्य के राशि परिवर्तन से आया आठ राशियों पर भारी संकट...

उगते हुए सूर्य का करें दर्शन
सूर्योदय की पहली की किरण से हुई आपके दिन की शुरुआत आपको सफलता के लिए प्रेरित करती है। प्रभु श्री राम सूर्यवंशी हैं इसलिए सूर्य की साधना अराधना करने वाले साधक पर प्रभु श्री राम की कृपा भी होती है। 

सूर्योदय के समय दें सूर्य को जल
ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक बताया गया है। नियमित सूर्य को जल देने से आत्म शुद्धि और आत्मबल प्राप्त होता है। सूर्य को जल देने से आरोग्य लाभ मिलता है। सूर्य को जल देने से पहले जल में चुटकी भर रोली या लाल चंदन और लाल पुष्प के साथ जल दें। सूर्य साधना के समय संभव हो तो लाल वस्त्र धारण करें।

जपें सूर्य का यह दिव्य मंत्र
सूर्य की साधना में सूर्य के मंत्र जप का काफी महत्व है। सूर्य को जल देने के बाद सूर्य देवता का मंत्रजप विशेष लाभ प्रदान करता है। 

ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगाय नमः
ॐ पूष्णे नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ मरीचये नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ सवित्रे नमः
ॐ अर्काय नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ श्री सबित्रू सूर्यनारायणाय नमः 

सूर्य देवता के इन दिव्य मंत्रों सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जप करने से मनुष्य निरोगी बनता है और उसके सभी पाप नष्ट होते हैं। साधक के धन भंडार में वृद्धि होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button