बड़ी खबर: लीलावती अस्पताल पहुंचे द‍िलीप कुमार, तीन दिन में…

बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग द‍िलीप कुमार की तब‍ियत ब‍िगड़ने की खबर है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. द‍िलीप कुमार के ऑफ‍िश‍ियल ट्व‍िटर अकाउंट से उनके मौजूदा हेल्थ की जानकारी दी गई है. इस बीच दिलीप कुमार के फैमिली डॉक्टर ने भी आज तक से बातचीत में एक्टर के हेल्थ की जानकारी दी है. 

दिलीप कुमार के हैंडल से जो ट्वीट हुआ उसके मुताब‍िक, “साब, मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती हैं, सीने में दर्द और चेस्ट में इंफेक्शन की वजह से वो असहज महसूस कर रहे थे. वो बेहतर हो रहे हैं. उन्हें आपकी दुआओं और प्रार्थनाओं की जरूरत है. “

दिलीप कुमार के फैमिली डॉक्टर रमेश शर्मा ने आज तक को बताया, ‘वो रूटीन चैकअप के लिए हर साल लीलावती आते हैं. हम ये चैकअप हर साल करते हैं. बार बार घर से आने जाने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. वो अगले दो-तीन दिन तक अस्पताल में ही रहेंगे. जब रिपोर्ट्स आ जाएंगी और डॉक्टर्स उन्हें देख लेंगे उसके बाद वो वापस चले जाएंगे. अब उनके सीने में दर्द नहीं है. उन्हें खांसी की दिक्कत है जिसकी जांच चल रही है. उनकी हालत स्थिर है.’

द‍िलीप कुमार की उम्र 95 साल है. द‍िलीप कुमार काफी वृद्ध हो चुके हैं, वो आजकल सार्वजन‍िक मौकों पर नजर नहीं आते हैं. अपने घर में ही रहते हैं, उनकी देखरेख पत्नी सायरा बानो करती हैं. प‍िछले कुछ महीनों में बॉलीवुड के कई द‍िग्गज द‍िलीप कुमार के घर जाकर उनकी सेहत का जायजा लेते रहे हैं.

दिलीप कुमार का जन्‍म पेशावर (अब पाकिस्‍तान में) शहर में 11 दिसंबर, 1922 को हुआ था. उन्‍होंने 1944 में फिल्‍म ज्‍वार भाटा से डेब्‍यू किया था. क्रांति, गंगा जमुना, मधुमती, कोहिनूर, राम और श्‍याम, आजाद, सौदागार जैसी प्रमुख फिल्‍में हैं. उन्‍हें पाकिस्‍तान के सर्वोच्‍च सम्‍मान निशान-ए- इम्‍त‍ियाज से नवाजा जा चुका है.

पांच दशक तक दर्शकों के दिलों पर राज

दिलीप कुमार ने अपने करियर में करीब 50 फिल्मों में काम किया. उन्होंने अपने अभिनय से 5 दशक तक दर्शकों के दिलों पर राज किया. देवदास, मुगल-ए-आजम और नया दौर उनकी सबसे बेहतरीन फिल्में हैं. इनकी गिनती भारतीय सिनेमा के क्लासिक में भी जाती है. दिलीप साहब आख़िरी बार 1998 में “किला” में नजर आए थे. सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1994 में उन्हें दादासाहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. 1994 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. 

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