Vinta Nanda का Oscar के सिस्टम पर निशाना
एडम जे ग्रेव्स के निर्देशन में बनी शॉर्ट फिल्म अनुजा को 97वें एकेडमी अवॉर्ड्स में बेस्ट लाइव-एक्शन शॉर्ट के लिए नॉमिनेशन मिला है। एडम जे ग्रेव्स को इस फिल्म के जरिए पहली बार अकेडमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है जो उनके लिए काफी गर्व की बात है। नॉमिनेशन मिलने के बाद से ही हर तरफ बस प्रियंका औक गुनित मोंगा की चर्चा हो रही है। इस पर सवाल उठाते हुए विंता नंदा ने अपनी बात खुलकर सामने रखी है।
फिल्म के कलाकारों की कोई चर्चा नहीं
दरअसल, फिल्म के बनन के बाद प्रियंका चोपड़ा इस फिल्म के साथ सह निर्माता तौर पर जुड़ी थीं। जबकि फिल्म के कलाकारों और उसके असल निर्माताओं के बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही है। ये बात प्रोड्यूसर विंता नंदा को खास पसंद नहीं आई और उन्होंने अपने लेटेस्ट पोस्ट के जरिए इस पर बात करते हुए ऑस्कर के सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। विनता नंदा ने अपने फेसबुक पोस्ट में आज के सिनेमा के दौर के बारे में बात की।
बिना नाम लिए कसा तंज
प्रोड्यूसर विंता नंदा ने अपने पोस्ट में बताया, ‘अब सिस्टम बहुत खराब हैं। क्यूरेटर निर्माता के रूप में ऑस्कर नामांकन और पुरस्कार लेकर चले जाते हैं और कलाकारों और उनके निर्माताओं के संघर्ष पर पूरी तरह से ग्रहण लग जाता है। हम किस तरह की दुनिया में रह रहे हैं? हालांकि इस पोस्ट में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया मगर उनका इशारा फिल्म अनुजा की तरफ ही माना जा रहा है।
सलाम बालक ट्रस्ट के सहयोग से बनी फिल्म
विनता ने आगे अपने पोस्ट में बताया, ‘अनुजा’ को ऑस्कर में नॉमिनेशन मिला, लेकिन फिल्म के कलाकारों की मेहनत और असली निर्माताओं के बारे में जिक्र नहीं किया गया है। उनके संघर्षों को नहीं दिखाया गया, जबकि फिल्म के निर्माण और कास्टिंग प्रक्रिया में सलाम बालक ट्रस्ट की मदद काफी बड़ी थी। यह संस्थान सड़क पर रहने वाले बच्चों को मौका देती है। इस ट्रस्ट की स्थापना फिल्म निर्माता और निर्देशक मीरा नायर के परिवार ने की थी।
क्या है फिल्म की कहानी?
अनुजा की कहानी की बात करें तो ये 9 साल की लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका नाम अनुजा होता है, जो अपनी बड़ी बहन पलक के साथ दिल्ली की एक ब्लैक-एली कपड़ा फैक्ट्री में काम करती है। जब अनुजा को स्कूल जाने का मौका मिलता है, तो उसे लाइफ चैलेंजिंग चॉइस का सामना करना पड़ता है, जो उसके परिवार के भविष्य को काफी प्रभावित करता है।