रुद्रप्रयाग में धूमधाम से मनाया गया ‘विजय दिवस’

जनपद रुद्रप्रयाग में 1971  भारत-पाक युद्ध विजय दिवस की 53वीं वर्षगांठ को धूमधाम से मनाया गया। 6 ग्रेनेडियर्स के प्रांगण आयोजित कार्यक्रम में शहीदों की शहादत को याद करते हुए उनके चित्रों पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा देश भक्ति के गीतों पर भावुक प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर सैनिक कल्याण बोर्ड द्वारा 1971 की लड़ाई में शामिल पूर्व सैनिकों एवं शहीदों के परिवारों का सम्मानित भी किया गया।

रुद्रप्रयाग के तीन वीर शहीदों को पुष्पांजलि भेंट कर दी गई श्रद्धांजलि 
बताते चलें कि रुद्रप्रयाग में सैन्य छावनी में विजय दिवस की 53वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह,6 ग्रेनेडियर्स बटालियन के कर्नल हितेश वशिष्ठ,पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, सहित  पूर्व सैनिकों एवं वीर नारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर 1971 की लड़ाई में शहीद हुए जनपद रुद्रप्रयाग के तीन वीर सपूतों को पुष्पांजलि भेंट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने सभी को विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विजय दिवस हमारे लिए गर्व का दिवस है। इसका इतिहास सभी को जानना चाहिए। उन्होंने स्कूली छात्रों द्वारा कार्यक्रम में दी गई प्रस्तुतियों की भी सराहना की।

पूर्व सैनिकों के अनुभव से सीख लेने की आवश्यकता – कर्नल
सेना के कर्नल हितेश वशिष्ठ ने छात्र-छात्राओं को संदेश देते हुए कहा कि आप सभी को अभी से देश सेवा के प्रति सम्मान की भावना तथा देश को प्रगति के पथ पर लेकर जाने का उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिए पूर्व सैनिकों के अनुभव से सीख लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने पर भूतपूर्व सैनिकों को धन्यवाद दिया।

93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने किया था आत्मसमर्पण 
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी (से.नि.) कर्नल यूएस रावत ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध एवं भारतीय सेना के पराक्रम की गाथा एवं विजय दिवस के इतिहास एवं महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मात्र 13 दिनों तक चले भारत पाक युद्ध में 90 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेकते हुए आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने बताया कि जनपद रुद्रप्रयाग से भी तीन वीर शहादत को प्राप्त हुए थे। वहीं, एक सैनिक युद्ध के दौरान घायल हो गए थे।

पूर्व सैनिक ने भारत- पाक युद्ध घटना की जानकारी की साझा
वहीं, इस मौके पर 1971 के युद्ध के दौरान घायल हुए पूर्व सैनिक राइफल मैन दयाल सिंह ने भारत- पाक युद्ध घटना की जानकारी साझा की। वहीं शहीद राइफलमैन गजपाल सिंह के भतीजे सोबन सिंह ने भी कहा कि हमें गर्व होता है कि हमारे परिवार से हमारे चाचा ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।

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