मंकीपॉक्स को लेकर रिसर्च में हुए कई और चौंकाने देने वाले खुलासे

 मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या दुनियाभर में बढ़ती जा रही है. इसका दायरा भी ऐसे देशों तक पहुंच गया है जहां पहले कभी इसके मरीज नहीं मिले थे. इसके बढ़ते केस को देखते हुए लगातार रिसर्च भी हो रहे हैं. कुछ रिसर्च में बताया गया है कि मंकीपॉक्स बायोसेक्सुअल संबंध बनाने से भी फैलता है. यह यौन रोग है या नहीं, इस पर एक्सपर्ट की अलग-अलग राय है, लेकिन पिछले दिनों इसे लेकर जो रिसर्च हुआ है, वह काफी चौंकाने वाला है. इस रिसर्च के नतीजों में साइंटिस्ट ने बताया है कि रिकवरी के बाद भी मंकीपॉक्स वायरस पुरुषों के सीमेन में हफ्तों तक रह सकता है.

घाव से भी फैल सकती है बीमारी

इस रिसर्च को करने वाली टीम में शामिल इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फेक्शियस डिजीज की रिसर्चर फ्रेंचेस्का कोलाविता ने बताया कि अगर किसी को कोई घाव है और उसमें वायरस से दूषित चीज लग जाए तो उसे भी मंकीपॉक्स हो सकता है. कोलाविता ने बताया कि 39 साल के एक मरीज की जांच में हमने मंकीपॉक्स के लक्षण आने के कई हफ्तों बाद भी इस वायरस का DNA मरीज के सीमेन में पाया. यह शख्स एक सेक्स वर्कर है और एक महीने पहले उसने कई पुरुषों के साथ असुरक्षित सेक्स किया था. यह सेक्स उसने करीब एक महीने पहले ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर किया था. टेस्टिंग के दौरान उसमें बुखार के साथ ही प्राइवेट पार्ट्स में मवाद से भरे दाने भी मिले थे. इस केस ने साबित किया है कि मंकीपॉक्स सेक्शुअल एक्टिविटी के जरिए भी फैल सकता है.

इनमें भी मिला मंकीपॉक्स का डीएनए

एक अन्य रिसर्च में थूक और यूरिन जैसी चीजों में भी मंकीपॉक्स मिला है. टीम ने 12 मरीजों पर यह रिसर्च की थी. इस दौरान इन मरीजों के नाक, रेक्टल और मल में भी वायरस का DNA मिला. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मंकीपॉक्स खून या सीमेन से दूसरे लोगों में ट्रांसफर हो सकता है या नहीं. बता दें कि अब तक 93 देशों में 28,777 लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो चुकी है. यूरोप में सबसे ज्यादा 17,036 लोग इस वायरस के शिकार हैं. 

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