उत्तराखंड : प्रदेश में महंगी बिजली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मांगा यूजेवीएनएल से जवाब
प्रदेश में बिजली महंगी होने के मामले में यूजेवीएनएल की याचिका के खिलाफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निगम और नियामक आयोग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।यूजेवीएनएल ने पावर डेवपलमेंट फंड और इसके ब्याज के लिए 2500 करोड़ रुपये की मांग की थी।
इस मामले में नियामक आयोग से निराशा मिलने के बाद यूजेवीएनएल प्रबंधन ने विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) का दरवाजा खटखटाया था। न्यायाधिकरण ने यूजेवीएनएल के हक में फैसला देते हुए कहा था कि नियामक आयोग इस फंड की व्यवस्था कराए। 2008 में मनेरी भाली-2 शुरू हुई थी।
निगम अपना जवाब तैयार कर रहा
यूजेवीएनएल की मांग है कि मूल रिटर्न व इक्विटी 850 करोड़ पर ब्याज समेत 2500 करोड़ की जरूरत है। इसी माह नियामक आयोग ने इस मामले में जनसुनवाई की थी। इसी दौरान इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की जानकारी दी थी। यूजेवीएनएल के एमडी संदीप सिंघल ने बताया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। निगम अपना जवाब तैयार कर रहा है।
उधर, नियामक आयोग से भी जवाब मांगा गया है। फिलहाल नियामक आयोग ने जनसुनवाई पर अपना निर्णय रोका हुआ है। बताया जा रहा है कि अगर एक साथ 2500 करोड़ की वसूली की जाएगी तो उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दाम 25 प्रतिशत बढ़ जाएंगे।