उत्तराखंड: सुगम में तैनात शिक्षकों को प्रोत्साहन के रूप में नहीं मिलेगा दुर्गम का लाभ

प्रदेश के सुगम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की सेवा प्रोत्साहन के रूप में दुर्गम की सेवा के रूप में नहीं जुड़ेगी। शिक्षा निदेशालय ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक, सुगम की सेवा के दुर्गम में जुड़ने से इन विद्यालयों के अधिकतर शिक्षक दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में जाने के लिए तैयार नहीं हैं।

यही वजह है कि निदेशालय ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में से 189 विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध कर इन विद्यालयों में स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से चयनित शिक्षकों की तैनाती की गई थी।

इन विद्यालयों में प्रधानाचार्य और शिक्षकों की तैनाती के लिए शासन ने 23 जुलाई 2021 को आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि इन विद्यालयों के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों का चयन किया जाएगा। अंग्रेजी भाषा के ज्ञान के आधार पर यह परीक्षा होगी।

चयनित शिक्षकों को प्रोत्साहन के रूप में कुछ लाभ दिए जाएंगे।यदि कोई शिक्षक चयन के बाद सुगम क्षेत्र के विद्यालय में तैनात होता है, तो उसकी सुगम क्षेत्र की सेवा को दुर्गम क्षेत्र की सेवा माना जाएगा, जबकि दुर्गम की सेवा को डबल दुर्गम माना जाएगा। शिक्षक की एक साल की दुर्गम की सेवा को दो साल की दुर्गम की सेवा मानते हुए उसकी सेवा में जोड़ा जाएगा।

आठ सौ से अधिक पद कई साल से खाली
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल आदि जिलों के सुगम क्षेत्र के विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की सेवाओं के दुर्गम क्षेत्र की सेवा के रूप में जुड़ने से इन विद्यालयों के लिए चयनित अधिकतर शिक्षक दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में जाने के लिए तैयार नहीं हैं।

यही वजह है कि इन विद्यालयों में शिक्षकों के आठ सौ से अधिक पद पिछले कई साल से खाली हैं। इन खाली पदों पर शिक्षकों की तैनाती की जा सके इसके लिए सुगम क्षेत्र में की गई सेवा को दुर्गम में न जोड़ने का निर्णय लिया गया है।

तबादलों की प्रक्रिया शुरू पर शिक्षकों की सेवा पोर्टल में नहीं हो रही अपडेट

शिक्षा विभाग में नए शिक्षा सत्र के लिए तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विभाग की ओर से शिक्षकों के खाली पदों की जानकारी मांगी जा रही, लेकिन अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा पोर्टल में अपडेट नहीं हो पा रही, जिससे शिक्षकों को इन विद्यालयों में कार्य के दौरान प्रोत्साहन के रूप में मिलने वाली सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि पोर्टल में उनकी सेवा अपडेट न होने से कई शिक्षक तबादलों की जद में आ जाएंगे।

दुर्गम क्षेत्र के शिक्षकों को लाभ मिलेगा

शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को पहाड़ चढ़ाने के लिए अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के सुगम क्षेत्र के शिक्षकों को दुर्गम का लाभ न देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन जो शिक्षक दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में कार्यरत हैं। उनकी पहले की तरह एक साल की दुर्गम की सेवा दो साल की दुर्गम की सेवा के रूप में जुड़ती रहेगी।

सुगम और दुर्गम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों को जब दुर्गम का लाभ मिलना है, तो शिक्षक दुर्गम में क्यों जाएंगे। हमने इस मसले पर शासन को प्रस्ताव भेजा है कि सुगम के शिक्षकों की सेवा को सुगम में ही जोड़ा जाए। -महावीर सिंह बिष्ट, निदेशक माध्यमिक शिक्षा

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