उत्तराखंड: सीएम के सचिव ने सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा की

मुख्यमंत्री के सचिव और कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने मंडल भर के सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने अपने जिलों में विकास योजनाओं और उपचारात्मक कार्यों की प्रगति में तेजी लाएं। उन्होंने विकास योजनाओं में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और समय से योजनाओं को पूरा कराने के भी निर्देश दिए।

रावत शुक्रवार को यहां कैंप कार्यालय में सिंचाई विभाग की ओर से 10 करोड़ से अधिक लागत से कराए जा रहे विकास कार्यों व सुरक्षात्मक योजनाओं की मंडल स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला ब्लाॅक के ग्वालगांव (ऐलधारा) व टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सक्रिय भूस्खलन के स्थायी समाधान के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है।

धारचूला के खौतिला में तटबंध निर्माण व बाढ़ सुरक्षा दीवार सुदृढ़ीकरण कार्य चल रहा है। इसके अलावा गूंजी स्थित काली नदी से सुरक्षा के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्य चल रहा है। बताया कि अल्मोड़ा ब्लाॅक के द्वाराहाट में ग्राम च्योली के पास गगास बैराज का निर्माण कार्य, हवालबाग ब्लाॅक में अतिवृष्टि से भू-धसाव एवं भू-कटाव से आवासीय भवनों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बचाव के लिए सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है।

विभाग नगर पालिका क्षेत्र अल्मोड़ा में ड्रेनेज का कार्य करा रहा है। नैनीताल जिले में बलियानाला भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में काम शुरू करा दिया है। बताया कि डीएसबी कॉलेज में गर्ल्स हॉस्टल को भूस्खलन से बचाने के लिए ठंडी सड़क की पहाड़ी में उपचारात्मक कार्य कराया जा रहा है।

इसके अलावा ऊधमसिंह नगर समेत अन्य जिलों में भी सिंचाई विभाग विकास कार्यों के साथ साथ सुरक्षात्मक कार्यों को भी करा रहा है। बैठक में पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल व अल्मोड़ा आदि जिलों के अधिशासी अभियंता मौजूद रहे।

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