महाकुंभ मेले में करोड़ों की संख्‍या में भीड़ संभालने के लिए होगा एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हर दूसरे काम में हो रहा है। यह टेक्नोलॉजी अब कुंभ मेले में भीड़ को संभालने में इस्तेमाल होने जा रही है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में भीड़ को मैनेज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टेक्नोलॉजी और टूल्स का इस्तेमाल करने जा रही है।

एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब हर दूसरे काम में हो रहा है। इस टेक्नोलॉजी को लेकर सरकार का काम भी आसान होने जा रहा है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज में महाकुंभ 2025 में भीड़ को मैनेज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टेक्नोलॉजी और टूल्स का इस्तेमाल करेगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य पुलिस विभाग को इस मेगा इवेंट के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाने का निर्देश दिया है।

हर बार की तरह लोगों की लगेगी लंबी कतार
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन में भीड़ जुटने की उम्मीद है और इसलिए सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा के मामले में एक मानक स्थापित करना आवश्यक है।

उन्होंने अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में कहा, “कुंभ भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत और दुनिया के बीच एक इंटरफेस है। इसलिए, आयोजन में सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।”

यह दावा करते हुए कि मेला ब्रांड यूपी और ब्रांड इंडिया को बढ़ावा देने का एक अवसर होगा, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे इस आयोजन को आयोजित करने और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पेशेवर एजेंसियों को शामिल करें ताकि दुनिया भर से तीर्थयात्री और पर्यटक आ सकें और इतिहास का हिस्सा बन सकें।

एआई टेक्नोलॉजी का उठाया जाए फायदा
पुलिस विभाग को भीड़ मैनेज करने के लिए इस टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना चाहिए। किसी भी दुर्घटना की आशंका से बचने के लिए विस्तृत कार्रवाई और आकस्मिक योजना तैयार की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, “भीड़ पर नजर रखने के लिए एआई-बेस्ड टेक्नोलॉजी और टूल्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि किसी भी समूह को किसी भी जगह पर व्यवस्था बिगाड़ने से पहले तितर-बितर किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा और कल्पवासी महाकुंभ की आत्मा हैं और उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मेला हरित थीम के आसपास आयोजित किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित विभागों को बिजनौर से बलिया तक स्वच्छ गंगा सुनिश्चित करनी चाहिए।बैठक में शामिल अधिकारियों ने कहा कि 2019 की तुलना में, जब कुंभ 3200 हेक्टेयर में फैला था, 2025 का मेला 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।

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