US में ट्रंप की नीतियों का विरोध, UK में ‘फलस्तीन एक्शन’ के 400 समर्थक गिरफ्तार

अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी से लंदन तक शनिवार को प्रदर्शन हुए। राजधानी डीसी में हजारों लोगों ने पुलिस व्यवस्था पर संघीय नियंत्रण के खिलाफ मार्च निकाला और डीसी पर कब्जा खत्म करो जैसे नारे लगाए। वहीं, लंदन में फलस्तीन एक्शन समूह के समर्थन में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने के लिए जुटे 400 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई।
वॉशिंगटन डीसी में शनिवार (स्थानीय समयानुसार) को हजारों लोगों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राजधानी में पुलिस व्यवस्था पर संघीय नियंत्रण के खिलाफ मार्च किया। यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है। दूसरी तरफ, ब्रिटेन की पुलिस ने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे 400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये लोग फलस्तीन एक्शन समूह पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिए जुटे थे। सरकार ने इस समूह को आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
लाल बैनर पर अंग्रेज़ी और स्पैनिश में लिखा था, ‘डीसी पर कब्जा खत्म करो।’ इसी नारे के साथ प्रदर्शनकारी मेरिडियन हिल पार्क से होते हुए व्हाइट हाउस के पास फ्रीडम प्लाजा तक करीब दो मील पैदल मार्च करते पहुंचे। यह प्रदर्शन ‘वी आर ऑल डीसी’ नाम से स्थानीय संगठनों और अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) की अगुवाई में हुआ।
पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने अपने हाथ में लिया था नियंत्रण
ट्रंप प्रशासन ने पिछले महीने राजधानी की पुलिस पर सीधा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था और नेशनल गार्ड के साथ संघीय एजेंसियों को सड़कों पर उतारा था। ट्रंप ने दावा किया था कि यह कदम अपराध और बेघर लोगों की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है। हालांकि, स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में हिंसक अपराध ट्रंप के पहले कार्यकाल की तुलना में कम हैं।
लगातार चार हफ्तों से हो रहे विरोध प्रदर्शन
इससे पहले ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में भी नेशनल गार्ड भेजे थे और अब डीसी को निशाना बनाया। राष्ट्रपति को यहां ‘होम रूल’ की स्थिति यानी सीमित स्वायत्तता के कारण संघीय नियंत्रण का अवसर मिला। सड़कों पर हथियारबंद सैनिकों की मौजूदगी ने डीसी के माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। लगातार चार हफ्तों से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। ट्रंप का आपातकालीन आदेश बुधवार को खत्म होने वाला है।
ट्रंप प्रशासन का कब्जा जनविरोधी और अनैतिक
करीब दस साल से डीसी में रह रहे पूर्व अमेरिकी राजनयिक मार्क फिट्जपैट्रिक ने कहा, ‘हमारी सड़कों पर नेशनल गार्ड और संघीय एजेंट घूम रहे हैं। यह हमारे लोकतंत्र पर चोट है। हमारे पास अपने सीनेटर या प्रतिनिधि नहीं हैं, इसलिए हम ऐसे तानाशाह की दया पर हैं।’ प्रदर्शन में शामिल पूर्व डीसी निवासी टैमी प्राइस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन का कब्जा ‘जनविरोधी’ और ‘अनैतिक’ है। वहीं, स्थानीय कलाकार जून ली हाथ से बने ‘फ्री डीसी’ बोर्ड लेकर पहुंचीं।
लंदन में प्रदर्शन में शामिल हुए 1500 लोग
दूसरी तरफ, लंदन में प्रदर्शन का आयोजन डिफेंड आवर ज्यूरीज नामक अभियान समूह ने किया था। उनके मुताबिक करीब 1,500 लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारी जमीन पर बैठकर तख्तियां दिखा रहे थे जिन पर लिखा था- ‘मैं नरसंहार का विरोध करता हूं, मैं फलस्तीन एक्शन का समर्थन करता हूं।’
कई जगहों पर पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की
पुलिस ने पहुंचते ही प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। इस दौरान आस-पास खड़े लोग नारे लगा रहे थे- ‘शर्म करो’ और ‘मेट पुलिस, तय करो- न्याय या नरसंहार।’ कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जो लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए जमीन पर लेट गए, उन्हें खींचकर ले जाया गया।
आठ घंटे तक चला प्रदर्शन, 425 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
करीब आठ घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस ने बताया कि उन्होंने 425 से ज्यादा लोगों को पकड़ा है। इनमें 25 से ज्यादा लोगों पर पुलिसकर्मियों पर हमला करने और सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने का आरोप है, जबकि बाकी को आतंकवाद कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के आरोपों को आयोजक ने खारिज किया
डिप्टी असिस्टेंट कमिश्नर क्लेयर स्मार्ट ने कहा, ‘आज ड्यूटी करते समय हमारे अफसरों को मुक्के मारे गए, लातें मारी गईं, थूका गया और उन पर चीजें फेंकी गईं। यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’ वहीं, आयोजक डिफेंड आवर ज्यूरीज ने पुलिस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हिंसा की शुरुआत पुलिस ने की और प्रदर्शनकारियों को हिंसक बताना ‘हास्यास्पद’ है। इससे पहले हुए प्रदर्शनों में 700 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 138 लोगों पर आतंकवाद कानून के तहत मुकदमा चलाया गया है।