UPPSC : प्रदेश के 1331 केंद्रों पर पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा आज
पीसीएस के 220 पदों पर भर्ती के लिए 576154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक के बाद यूपीपीएससी की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा होने जा रही है। ऐसे में आयोग व प्रशासनिक तंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रश्न पत्रों की सुरक्षा होगी। इसके लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं।
सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा-2024 रविवार को प्रदेश के 1331 केंद्रों पर होगी। पहली बार यह सभी 75 जिलों में होने जा रही है। परीक्षा दो सत्रों में सुबह 9:30 से 11:30 बजे व दोपहर 2:30 से 4:30 बजे तक होगी। पहले सत्र में सामान्य अध्ययन व दूसरे सत्र में सीसैट का पेपर होगा।
पीसीएस के 220 पदों पर भर्ती के लिए 576154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक के बाद यूपीपीएससी की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा होने जा रही है। ऐसे में आयोग व प्रशासनिक तंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रश्न पत्रों की सुरक्षा होगी। इसके लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं।
प्रश्न पत्रों को डिजिटल लॉकर वाले बॉक्स में रखकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा। इस बार प्रत्येक केंद्र पर एक स्टेटिक और एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। जबकि, इससे पूर्व तीन परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई जाती थी। हर परीक्षार्थी की पहचान के लिए आइरिश स्कैनिंग होगी। इसकी पुष्टि के लिए यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र पर होलोग्राम चस्पा किए जाएंगे।
प्रयागराज के 51 केंद्रों में 21504 अभ्यर्थी देंगे परीक्षा
प्रयागराज के 51 केंद्रों पर पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए कुल 21504 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। इस बार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय और प्रो.राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इसके अलावा आर्य कन्या डिग्री कॉलेज, हेमवती नंदन बहुगुणा पीजी कॉलेज, आईटीआई को भी केंद्र बनाया गया है। सभी 51 केंद्रों के लिए 51 सेक्टर मजिस्ट्रेटों व 51 स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी लगाई गई है।
नकल पर एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास
अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या कराना, प्रश्नपत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना अथवा प्रकट करने की सजिश करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं। उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुसूचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ तक का जुर्माना व आजीवन कारावास की सजा, दोनों हो सकती है। यदि नकल सामग्री पकड़ी जाती है तो अभ्यर्थी को परीक्षा विशेष या आगामी परीक्षाओं व चयन से डिबार किया जा सकता है, चाहे सामग्री का प्रयोग नकल के लिए किया गया हो या नहीं।