कुछ इस तरह कई बार दिखाई दी उड़नतश्‍तरियां, लखनऊ में भी आ चुकी है नजर

यूपी में एक बार फिर उड़नतश्‍तरी दिखी है। हालांकि ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। हालांकि वायरल फोटो में और किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस फोटो के साथ लिखा हुआ है कि ‘यूपी का नजारा’। अब उड़नतश्‍तरी की ये फोटो किसने खींची, किन लोगों ने देखी और किसने इसे वायरल किया इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है।

आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी यूपी में उड़नतश्तरियां देखे जाने की बातें सुनी गई हैं। बता दें कि इससे पहले गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर में भी उड़नतश्‍तरी देखने के दावे सामने आए हैं। कानपुर और लखनऊ में देखी गईं उड़नतश्‍तरी काफी दूर होने के कारण दिखने में छोटी थीं। हालांकि लखनऊ में देखी गई उड़नतश्‍तरी की वैज्ञानिकों ने भी पुष्टि की थी। वहीं गोरखपुर के मामले में इसे मात्र एक युवक की शरारत बताया गया था।

अब तक भारत में दिखी उड़नतश्‍तरी

इसी साल 25 जून को कानपुर के श्यामनगर निवासी संतोष गुप्ता के बेटे ने मोबाइल से उड़नतश्‍तरी की तस्वीरें क्लिक कीं।

11 जुलाई 2014 गोवाहाटी, में देखा गया।

14 जुलाई 2014 को टूंडला में देखा गया। (वैज्ञानिकों ने प्रथम दृष्टया पुष्टि की)

14 जुलाई 2014 को बोकारा स्टील झारखंड में देखा गया। (वैज्ञानिकों ने प्रथम दृष्टया पुष्टि की)

19 जुलाई 2014 को शामली में यूएफओ देखे जाने की सूचना खगोल वैज्ञानिकों को मिली थी।

25 फरवरी 2014 को भारत-पाकिस्तान सीमा पर कथित यूएफओ दिखने के दावे के बाद सुखोई-30 विमान को इसकी खोज में भेजा गया।

19 अगस्‍त 2013 को लद्दाख में भारतीय सेना के जवानों ने लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल के पास आसमान पर उड़ती हुई कोई चीज देखी। लद्दाख के देमचोक में लगान खेल इलाके में जवानों ने इसे देखा और यूएफओ (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट) बताया।

4 अगस्‍त 2013 को भी लद्दाख में यूएफओ को देखने का मामला सामने आया था।

24 अगस्त 2008 को यूपी के बिजनौर में यूएफओ देखे जाने की खबर आई थी।

लखनऊ में दिखी उड़नतश्‍तरी असली थी

24 जुलाई 2014 को लखनऊ के राजाजीपुरम ई ब्लॉक सेक्टर-11 निवासी अमित त्रिपाठी ने एक अजीब रोशनी वाला गोला आसमान में देखा था। उस समय वह अपनी बालकनी में बैठा मोबाइल से सनसेट की तस्वीर खींच रहा था। तभी उसे सूरज के बगल में एक रोशनी का गोला दिखाई पड़ा। देखते ही देखते वह गोला तेजी से आसमान में घूमने लगा। अमित ने बिना देरी किए उस अजीब रोशनी वाली चीज की तस्वीर अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर ली। करीब 40 सेकंड में वह गोला तेजी से ऊपर उठा और गायब हो गया था। यह बात जब खगोलशास्त्रियों को पता चली तो हड़कंप मच गया था। तत्काल उन्होंने उस तस्वीर की जांच की थी और प्रथमदृष्टया उसे एक उड़नतश्तरी (यूएफओ) बताया था।

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