UP: श्रीराम माधुर्यम चीनी से सुधरेगी सेहत…नहीं बढ़ेगी शुगर

कानपुर में नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (एनएसआई) की श्रीराम माधुर्यम चीनी के इस्तेमाल से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा। इसके साथ ही सेहत भी बनेगी। यह चीनी विटामिन ए से भरपूर है। हाल ही में इस हेल्थ बूस्टर शुगर को इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है।

अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर इस लो कैलोरी, लो जीआई और विटामिन ए वाली लिक्विड शुगर का नामकरण भगवान श्रीराम के नाम पर किया गया है। डायबिटीज, मोटापा और दूसरे रोगों के फैलाव को देखते हुए इस लिक्विड चीनी की बाजार में बहुत मांग है।

इसके इस्तेमाल से विटामिन ए की कमी से होने वाले नेत्र रोग रतौंधी, त्वचा रोग और अन्य बीमारियों से भी बचाव होगा। एनएसआई के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र मोहन के निर्देशन में शुगर टेक्नोलॉजी की सीनियर रिसर्च फेलो अनुष्का अग्रवाल कनौडिया ने लो कैलोरी, लो जीआई और विटामिन ए वाली लिक्विड चीनी का नुस्खा तैयार किया है।

इस चीनी में कैलोरी बहुत कम है
इसे तैयार करने के लिए पांच साल शोध कार्य किया गया। एनएसआई ने इसी महीने जनवरी में इसे लांच किया है। प्रोफेसर नरेंद्र मोहन ने बताया कि इस चीनी में कैलोरी बहुत कम है। इसके साथ ही इसके खाने पर ब्लड शुगर लेवल की बढ़त पर बहुत कम असर पड़ेगा। इसे विटामिन ए से फोर्टिफाइड कर दिया गया है।

श्रीराम पर किया गया है नामकरण
इसका नामकरण श्रीराम पर किया गया है। सीनियर रिसर्च फेलो अनुष्का ने बताया कि लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) में ब्लड शुगर का स्तर बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है। व्यक्ति को लंबे समय तक पेट भरा-भरा महसूस होता है। इसके अलावा कैलोरी भी कम होती है। आम चीनी की तरह इसके इस्तेमाल से एकदम से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा। विटामिन युक्त होने के कारण हेल्थ बूस्टर की तरह काम करेगी।

राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने अपने नव विकसित उत्पाद को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर भगवान श्रीराम के चरणों में समर्पित करते हुए उसका नाम श्रीराम माधुर्यम रखा है। यह एक विशिष्ट शुगर है जो कई वर्षों के अनुसंधान के बाद विकसित की गई है। यह भगवान श्रीराम के आशीर्वाद का ही फल है कि हम विभिन्न खूबियों से युक्त इस पोषण युक्त चीनी को इस ऐतिहासिक अवसर पर तैयार कर पाए हैं। -प्रोफेसर नरेंद्र मोहन, निदेशक नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट

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