यूपी: माफिया पर शिकंजा कसने का प्रशांत कुमार को मिला इनाम

प्रदेश भर में माफिया पर शिकंजा कसने में कामयाब रहे प्रशांत कुमार को सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। एडीजी जोन मेरठ रहने के दौरान उन्होंने कई अपराधियों का एनकाउंटर किया था। इसके बाद मई, 2020 में उनको एडीजी कानून-व्यवस्था बनाया गया। तत्पश्चात उन्होंने प्रदेश के 66 माफिया की सूची तैयार कर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। उनके नेतृत्व में एसटीएफ और जिलों की पुलिस ने एनकाउंटर करने का सिलसिला जारी रखा।

कार्यवाहक डीजीपी बनाए प्रशांत कुमार के पास डीजी कानून-व्यवस्था और ईओडब्ल्यू की जिम्मेदारी भी बरकरार रहेगी। प्रशांत कुमार ने बुधवार दोपहर करीब तीन बजे से कार्यभार ग्रहण कर लिया।

इन अफसरों को किया सुपरसीड
प्रशांत कुमार ने मुकुल गोयल, आनंद कुमार, शफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामाशास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्या, सत्य नारायन साबत, अविनाश चंद्रा, संजय एम. तरडे, एमके बशाल, तनूजा श्रीवास्तव व सुभाष चंद्रा को सुपरसीड किया।

अखिलेश ने कसा तंज
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को डीजीपी की तैनाती पर तंज कसते हुए एक्स पर लिखा, ‘जनता पूछ रही है कि हर बार कार्यवाहक डीजीपी बनाने का खेल दिल्ली-लखनऊ के झगड़े की वजह से हो रहा है या फिर अपराधियों के संग सत्ता की साठगांठ के कारण।’

पूर्व आईपीएस ने की शिकायत
वहीं पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाने पर गृह मंत्रालय से शिकायत की है। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन बताते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर कठपुतली डीजीपी रखने के लिए नियमित की जगह कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन में नियमित डीजीपी की तैनाती नहीं होती है तो वह अदालत की शरण लेंगे।

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