यूपी: परिषदीय विद्यालयों में नया सत्र शुरू, कहीं बटी किताबें तो कहीं नहीं…

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से नया सत्र 2024-25 शुरू हुआ। पहले दिन कई जगह पर शिक्षकों ने विद्यार्थियों को रोली-चंदन लगाकर स्वागत किया। तो कुछ जगह पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं पहले दिन कई जिलों में स्कूलों में किताबों का वितरण किया गया तो कई जिलों में पुरानी किताबों से ही नए सत्र की शुरुआत हुई। यहां पर ब्लॉक व न्याय पंचायत स्तर तक किताबें पहुंच गई हैं। एक-दो दिन में इन्हें विद्यालय पहुंचाने का लक्ष्य है।

पहले दिन अमेठी में कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों को किताबों का वितरण किया गया। नई किताबें पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। इसी तरह बाराबंकी व सीतापुर में भी बच्चों को पहले दिन नई किताबें दी गईं। उन्हें सभी विषयों की किताबों का बंच दिया गया। इसके साथ ही देवरिया, मेरठ, हापुड़, भदोही, बलरामपुर आदि जिलों में भी पहले दिन ही स्कूलों में किताबें वितरित कर नए सत्र की विधिवत शुरुआत की गई।

दूसरी तरफ श्रावस्ती, बहराइच, अंबेडकरनगर, अमरोहा, मैनपुरी, शामली, महोबा आदि में किताबें स्कूल तक अभी नहीं पहुंची हैं। अंबेडकरनगर के 1583 परिषदीय विद्यालयों में से 500 में किताबें नहीं पहुंचीं। बीएसए संजय कुमार तिवारी ने बताया कि कक्षा एक-दो की किताबों की आपूर्ति अभी नहीं हुई है। सुल्तानपुर में भी नए सत्र की शुरुआत पुरानी किताबों से ही हो सकी। जिला में किताबें आ गई हैं, जल्द वितरण कराया जाएगा।

वहीं, शिक्षकों का यह कहना है कि उन्हें खुद न्याय पंचायत से किताबें लाने के लिए कहा जा रहा है। इससे उनमें नाराजगी है, जबकि पिछले साल ही यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। वहीं, कक्षा एक व दो के बच्चों को अभी पुरानी किताबों से ही पढ़ाई करनी होगी क्योंकि विभाग अभी इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी कर रहा है। दूसरी तरफ नए सत्र में जल्द ही स्कूल चलो अभियान भी शुरू किया जाएगा। इसे लेकर तैयारी तेज हो गई है।

जिला- कितनी किताबें आनी थीं- कितनी आईं
गोंडा-17,40,454- 9,44,613
अमेठी- 13,66,000- 9,17,000
बहराइच- 30,00,000- 15,00,000
श्रावस्ती- 11,65,720- 7,46,964
बाराबंकी- 24,36,686- 19,00,000
सीतापुर- 30,70,000- 27,97,000
बलरामपुर- 18,16,560-12,29,754
रायबरेली- 13.78,000-12,79,000

बेसिक शिक्षा विभाग के पाठ्य पुस्तक अधिकारी माधव तिवारी का कहना है कि लगभग सभी जिलों में स्कूलों तक किताबें पहुंच गई हैं। कई जगह से फोटो भी आई है। अभी डाटा नहीं आया है। बीएसए ही स्कूलों तक किताबें पहुचाने की व्यवस्था करेंगे और इसका भुगतान किया जाएगा। कहीं भी शिक्षक से किताबें नहीं मंगवानी है, इसकी शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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