वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जानें क्या हैं प्लान
यूपी। दुनियाभर में वायु प्रदूषण के सबसे खराब स्तर वाले शहरों की सालाना लिस्ट में भारत के शहर हमेशा से टॉप पर रहते हैं और इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के कई शहर भी शामिल रहते हैं, लेकिन इस वर्ष उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जानलेवा वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने को लेकर बहुत गंभीर है। गांवों में पराली जलाने को लेकर सख्त निर्देश जारी करने के बाद अब शहरों वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए अब प्रदूषण के स्तर के अनुसार कार्रवाई का निर्णय लिया है। यानी प्रदूषण का स्तर जितना अधिक होगा, कार्रवाई उतनी ही सख्त होगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रोटोकॉल भी तय कर दिए हैं। पीएम-2.5 का स्तर 300 से अधिक होने या पीएम-10 का स्तर 500 से अधिक होने पर बड़े निर्माण कार्य तत्काल रोक दिए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों में ट्रकों की आवाजाही प्रतिबंधित हो जाएगी। यदि पीएम-10 का स्तर 700 से अधिक बढ़ता है तो हेलीकॉप्टर और फायर ब्रिगेड के जरिये पूरे शहर में पानी का छिड़काव किया जाएगा। सड़क निर्माण के लिए तारकोल गर्म करने वाली छोटी-बड़ी मशीनें भी बंद कर दी जाएंगी।
हर साल सर्दियों में वायु प्रदूषण सभी को बहुत परेशान करता है। प्रदूषण बढ़ने का असर आमजनों की सेहत पर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट भी इसे लेकर चिंतित है। इसलिए सरकार ने सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में इसे नियंत्रित करने के लिए शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान बनाया है। इन उपायों को अपनाने के बाद तत्काल वायु प्रदूषण पर असर दिखेगा। प्रदूषण बढ़ने पर सभी बड़े निर्माण कार्य रोक दिए जाएंगे। हालांकि मजदूरों को उनका पैसा मिलता रहेगा। निर्माण सामग्री लाने वाले वाहन बंद कर दिए जाएंगे। सभी प्रकार के खनन से जुड़े कार्य बंद हो जाएंगे। यदि निर्माण सामग्री ढककर नहीं रखी गई है तो उसे जिला प्रशासन सीज कर देगा। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स स्कूल बंद करने या प्रदूषण कम करने के लिए कोई और निर्णय ले सकते हैं।
यदि पीएम-2.5 का स्तर 250 से अधिक या पीएम-10 का स्तर 430 से अधिक है तो नगरीय सीमा में स्थित ईंट-भट्ठे बंद कर दिए जाएंगे। हॉट-मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर नहीं चलेंगे। सड़कों की मशीनों से सफाई बढ़ाई जाएगी। साथ ही सड़कों पर धूल न उड़े, इसके लिए नियमित पानी का छिड़काव कराया जाएगा। उन सड़कों को चिह्नित किया जाएगा, जहां धूल सबसे अधिक उड़ती है। इन सड़कों को सबसे पहले ठीक किया जाएगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने इसके आदेश संबंधित जिलाधिकारियों को भेज दिए हैं
डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल होगा बंद-
- व्यक्तिगत वाहनों के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए पार्किंग रेट तीन से चार गुना बढ़ेंगे
- बस व मेट्रो की सेवाएं बढ़ाई जाएंगी
- होटल व फुटपाथ पर कोयले या लकड़ी की भट्टी बंद होगी
- अलाव नहीं जलेंगे, सुरक्षा गार्डों को दिए जाएंगे इलेक्ट्रिक हीटर
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को दिया जाएगा बढ़ावा-
वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा। लोगों को व्यक्तिगत वाहनों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक इस्तेमाल करने की सलाह दी जाएगी। ऑफ पीक ट्रेवेल को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक यातायात में किराया कम रखा जाएगा।