यूपी सरकार ने दिया सख्त आदेश, अब सभी शिक्षकों के जांचे जाएंगे डॉक्यूमेंट्स

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति में धांधली की बात सामने आई थी. साथ ही फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे नौकरी करने के मामले भी चर्चा में हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी इस मुद्दे पर आक्रामक हैं और योगी सरकार को लगातार घेर रही हैं. शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े के बढ़ते मामलों को लेकर चौतरफा घिरी यूपी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स की जांच करने के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिए हैं कि हर शिक्षक के कागजात की जांच की जाए. इसके जांच टीम बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री के आदेश पर माध्यमिक, उच्च और बेसिक शिक्षा विभाग के साथ ही समाज कल्याण विभाग के विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होगी.

जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि प्रदेश में अनामिका शुक्ला का प्रकरण चर्चा में रहा. अनामिका शुक्ला के नाम पर प्रदेश के 25 विद्यालयों में नौकरी किए जाने का मामला सामने आया था. एक ही नाम से, एक ही डॉक्यूमेंट के सहारे 13 महीने से 25 स्कूलों में नौकरी कर फर्जीवाड़ा करने वालों ने सरकार को लगभग एक करोड़ रुपये की चपत लगाई थी.

इस मामले में तब नया मोड़ आ गया था, जब असली अनामिका शुक्ला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंच गई और खुद के अब तक बेरोजगार होने की जानकारी दी. इस प्रकरण के अलावा एसटीएफ ने भी कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र में अंक बढ़ाने के लिए हेर-फेर की जानकारी देकर एफआईआर कराने को कहा था. इनमें से कई 20 साल से अधिक समय से सेवारत हैं.

बता दें कि शिक्षा विभाग में सामने आ रहे फर्जीवाड़ों को लेकर कांग्रेस महासचिव ने योगी सरकार से सवाल किया था कि यह किसके कार्यकाल में हुआ है? प्रियंका ने ट्वीट कर यह सवाल भी उठाए थे कि क्या इसकी जानकारी संबंधित विभाग के मंत्री या मुख्यमंत्री को नहीं थी? सवालों से घिरी योगी सरकार ने सभी शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स की जांच के आदेश दे दिए हैं

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