यूपी: चंबल की बाह रेंज में बढ़े घड़ियाल और मगरमच्छ

चंबल सेंक्चुअरी की बाह रेंज में सालभर में घड़ियालों की संख्या में 213 की वृद्धि का रिकॉर्ड बना है। पिछले साल महज 9 घड़ियाल बढ़े थे। दो साल पहले 92 की बढ़ोतरी हुई थी। मगरमच्छ की संख्या भी 198 बढ़ी है। यह भी एक रिकॉर्ड है। पिछले साल 13 मगरमच्छ बढ़े थे। जबकि दो साल पहले एक मगरमच्छ कम मिला था।

चंबल सेंक्चुअरी में मंगलवार को हुई घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन की गणना के नतीजे उत्साहवर्धक रहे हैं। घड़ियालों की आबादी 794 से बढ़कर 1007 हो गई है। मगरमच्छ की संख्या 281 से बढ़कर 479 हो गई। जबकि डॉल्फिन की संख्या 29 से घटकर 26 रह गई है। पिछले माह 22 दिसंबर को हुई गणना में 903 घड़ियाल, 389 मगरमच्छ मिले थे।

राजस्थान से सटे रेहा से लेकर इटावा से लगे उदयपुर खुर्द तक वन विभाग की 9 टीमें घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन की गणना के लिए चंबल नदी में उतरी थीं। बाह के रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि वन विभाग की 9 टीमों ने रेहा से महेवा मंदिर, महेवा मंदिर से पिनाहट, पिनाहट से क्योरी, क्योरी से जेबरा, जेबरा से कैंजरा, कैंजरा से गुढ़ा, गुढ़ा से नंदगवां, नंदगवां से हथकांत, हथकांत से उदयपुर खुर्द तक मोटरबोट और पैदल चलकर जलीय जीवों की गिनती की।

इस दौरान कोई भी जलीय जीव अस्वस्थ नहीं मिला। गिनती के दौरान पिछले साल के मुकाबले इस साल 213 घड़ियाल ज्यादा मिले हैं। जबकि 198 मगरमच्छ अधिक मिले हैं। जिससे वन विभाग का अमला उत्साहित है। जबकि डॉल्फिन की संख्या घट गई है। रेंजर ने बताया कि डॉल्फिन कम मिलने की वजह की समीक्षा की जाएगी।

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