UP: पंचायत राज विभाग में 40 सहायकों ने छोड़ी नौकरी

पढ़े-लिखे युवाओं को पंचायत सहायक की नौकरी रास नहीं आ रही है। मात्र दो महीनों में ही 40 पंचायत सहायकों ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। पंचायत सहायक के इस्तीफे से पंचायत भवन में होने वाले कामकाज प्रभावित होने लगे हैं। ग्राम पंचायतों के अनुरोध पर पंचायत राज विभाग नई नियुक्ति की कवायद में जुट गया है।

ग्राम पंचायतों को हाईटेक बनाने के लिए शासन ने पांच साल पूर्व हर गांव में लाखों रुपए खर्च कर पंचायत भवन का निर्माण कराया। ग्रामीणों को गांव में ही सभी सुविधाएं मिले, इसलिए पंचायत भवन को कामन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया गया। 2022 में इसके लिए हर गांव में पंचायत सहायकों की नियुक्ति की गई।

भदोही जिले की 546 ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक नियुक्त हुए। पहले तो नौकरी पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया, लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़ा तो उनकी परेशानी भी बढ़ने लगी। पांच से छह हजार के अल्प मानदेय, सचिव, ग्राम प्रधान, ब्लॉक एवं जिला स्तरीय अधिकारियों की डांट-फटकार और 10 से 12 घंटे की ड्यूटी से धीरे-धीरे सहायकों का मोह नौकरी से भंग होने लगा।

स्नातक, परास्नातक, डिग्री धारक पंचायत सहायक नौकरी छोड़कर दूसरे स्थानों पर हाथ आजमाने लगे। सुरियावां ब्लॉक की 67 ग्राम पंचायतों में नरोत्तमपुर, खरगपुर और अर्जुनपुर में पंचायत सहायक नहीं है।

बीडीओ सुधाकर दुबे की माने तो काम न कर पाने वाले सहायक नौकरी छोड़ दिए। औराई में 125 गांव में सात पद रिक्त है। इससे जन्म मृत्यु और परिवार रजिस्टर, शौचालय सर्वेक्षण और रेट्रोफिटिंग, जन सेवा केंद्रों का संचालन फैमिली आईडी के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसी तरह भदोही में 10, डीघ में नौ, ज्ञानपुर में आठ और अभोली में तीन सहायक नौकरी छोड़ चुके हैं।

तीन साल में 130 सहायक छोड़ चुके नौकरी
2022 में ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों की नियुक्ति हुई। पहले साल से पंचायत सहायकों के त्यागपत्र देने का सिलसिला रूक नहीं रहा है। 2023 में 47 ने नौकरी छोड़ी। 2024 में 43 ने त्यागपत्र दिया तो यह संख्या 90 तक पहुंच गई। अब 2025 में 40 के इस्तीफे से ग्राम पंचायतों में कामकाज प्रभावित होने लगा है।

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