केंद्रीय बजट आज, पंजाब के उद्योग जगत की नजरें रियायतों की तरफ टिकीं

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय बजट कल 23 जुलाई को पेश किया जा रहा है और लोकसभा में पेश होने वाले बजट पर उद्योग जगत की नजरें टिकी हुई हैं। बजट में उद्योग जगत के लिए क्या घोषणाएं की जाएंगी इस तरफ पंजाब के उद्यमी टकटकी लगाएं देख रहे हैं। संसद में आज पेश किए गए आर्थिक रिपोर्ट के बाद यह बात साफ हो गई है कि वैश्विक परिस्थितियां अभी ज्यादा अनुकूल नहीं हैं। इस संबंध में कुछ उद्यमियों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्नलिखित थे :-
निर्यातकों को पुरानी रियायतें बहाल करें सरकार : सुरेश शर्मा
प्रमुख निर्यातक सुरेश शर्मा ने कहा कि बजट में केंद्र सरकार को निर्यातकों के लिए पुरानी रियायतें बहाल करनी चाहिएं क्योंकि अब समय आ गया है कि जब छोटे उद्यमियों को राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समय बहुत ही विकट चल रहा है और उद्योगों को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अमरीका से मांग दोबारा उठ नहीं रही है। यूरोप के हालात और भी खराब होते जा रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में किस तरह से उद्योगों का बचाव हो सकेगा यह तो सरकार को पता है परंतु इतना जरूर है कि उद्योगों को इस समय सरकार से सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले निर्यातकों को निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से काफी राहत मिला करती थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बजट को लेकर अपने विचार रखे हैं उससे उद्योग जगत उम्मीद तो कर सकता है।
वैश्विक हालात अनिश्चितपूर्ण : विनोद घई
यूनिक मैन्युफैक्चरिंग के चेयरमैन विनोद घई ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियां अभी अनिश्चितपूर्ण बनी हुई हैं और अभी यह कहना कठिन है कि हालात सामान्य हो गए हैं। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां पल-पल में बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में इस बात का केंद्र सरकार को ध्यान रखना होगा कि हम ऐसी नीतियां सामने लेकर आएं जो विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भारत की स्थिति को प्रभावित न कर पाएं। उन्होंने कहा कि वैश्विक हालात बहुत ही डावांडोल चल रहे हैं कभी अनुकूल खबरें आती हैं तो कभी प्रतिकूल खबरें आनी शुरू हो जाती हैं इसलिए सरकार को उद्योग जगत के हितों को ध्यान में रख कर बजट पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए भी सरकार को पहलकदमी करनी होगी क्योंकि इस समय घरेलू मांग में भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं
लैदर इंडस्ट्री को राहत पैकेज मिले
लैदर इंडस्ट्री से जुड़े युवा उद्यमियों रघु अरोड़ा तथा केशव कुमार ने केंद्र सरकार से मांग की कि बजट में लैदर इंडस्ट्री को राहत पैकेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लैदर इंडस्ट्री में इस समय श्रमिकों को काफी रोजगार उपलब्ध करवाया हुआ है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां विकट बनी हुई हैं और अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि विश्व में हालात अनुकूल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते अगर कदम न उठाए गए तो इंडस्ट्री को नुकसान उठाना पड़ेगा। लैदर इंडस्ट्री की कई प्रकार की समस्याएं हैं जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार को मिल कर लैदर इंडस्ट्री को राहत पहुंचानी चाहिए क्योंकि विश्व से अभी लैदर को लेकर मांग अनुकूल नहीं हुई हैं।





