कश्मीर में अघोषित घुसपैठ और युवाओं का कट्टरपंथी बनना सुरक्षा के लिए खतरा

कश्मीर में अघोषित घुसपैठ और युवाओं का कट्टरपंथी बनना घाटी की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि गांदरबल आतंकी हमले की जांच से पता चला है कि खुफिया जानकारी में काफी कमी है। पिछले एक साल से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अघोषित घुसपैठ हो रही है।
सुरक्षा अधिकारियों ने कश्मीर के युवाओं के आतंकवादी समूहों में शामिल होने की अघोषित प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि गगनगीर में जेड-मोड़ सुरंग निर्माण स्थल पर हुए हमले में दो आतंकवादी शामिल थे। इनमें से एक की पहचान दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के युवक के रूप में हुई है। वह 2023 में आतंकवादी समूह में शामिल हो गया था, जबकि दूसरे के बारे में माना जाता है कि वह पाकिस्तान से आया था। सुरक्षा अधिकारियों ने तेजी से कट्टरपंथी बन रहे स्थानीय युवाओं की पहचान के लिए बेहतर मानव खुफिया क्षमताओं की आवश्यकता पर जोर दिया। हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना स्थानीय युवाओं को आतंकवाद में जाने से रोकने के लिए मानव खुफिया तंत्र को बढ़ाने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित कर रही है।
सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों द्वारा संरक्षण और समेकन रणनीति का उपयोग करने से उत्पन्न छिपे हुए खतरे पर चिंता जताई है। इस रणनीति में घुसपैठिए स्थानीय आबादी के भीतर तब तक निष्क्रिय रहते हैं, जब तक उन्हें पाकिस्तान में अपने आकाओं से कोई आदेश नहीं मिल जाता। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बलों ने पाया है कि स्थानीय युवाओं की घुसपैठ और भर्ती ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से बढ़ रही है। आतंकी अब गुप्त संचार और परिचालन समन्वय के लिए टेलीग्राम और मेस्टोडॉन जैसी एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं पर भरोसा कर रहे हैं, जो राजोरी और पुंछ जैसे कुछ जिलों में पहले से ही प्रतिबंधित हैं।
गुलमर्ग हमले में शामिल आतंकी अगस्त से अफरावत के ऊंचे इलाकों में छिपे थे
अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल दिसंबर से ही उत्तरी कश्मीर के तुलैल, गुरेज, माछिल और गुलमर्ग सहित विभिन्न क्षेत्रों से घुसपैठ के प्रयासों की खुफिया रिपोर्टें मिल रही हैं, लेकिन सेना पुष्टि के अभाव में उन्हें नकार रही है। इसी तरह, गत वीरवार को गुलमर्ग के बूटापथरी सैन्य वाहनों पर हुए हमले में शामिल आतंकी अगस्त की शुरुआत से ही अफरावत के ऊंचे इलाकों में छिपे हुए थे।
गांदरबल हमले में शामिल आतंकी के पास थी अमेरिकी एम-4 राइफल…
अधिकारियों ने कहा, गांदरबल के गगनगीर में आतंकी करीब दस मिनट तक गोलीबारी कर जंगलों में भाग गए थे। इस हमले में शामिल स्थानीय हमलावर एके राइफल से लैस था, जबकि उसके साथी के पास अमेरिकी एम-4 राइफल थी।