उज्जैन: रंगपंचमी पर बाबा महाकाल को अर्पित किया एक लोटा केसर युक्त जल

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि मंदिर में रंगपंचमी पर्व की परंपरा का सम्यक निर्वहन किया गया। भस्म आरती में प्रतीकात्मक रूप से भगवान महाकाल को 1 लोटा केसर युक्त जल अर्पित किया गया।

उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल को केसर युक्त जल अर्पित कर रंगपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार करने से पहले उन्हें एक लोटा केसर युक्त जल अर्पित किया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि मंदिर में रंगपंचमी पर्व की परंपरा का सम्यक निर्वहन किया गया।

भस्म आरती में प्रतीकात्मक रूप से भगवान महाकाल को 1 लोटा केसर युक्त जल अर्पित किया गया। यह केसर युक्त जल एवं केसर का रंग मंदिर की कोठार शाखा द्वारा भस्मारती पुजारी और शासकीय पुजारी को उपलब्ध कराया गया।

बता दें कि रंगपंचमी पर गर्भगृह, नंदी मंडपम्, गणेश मंडपम्, कार्तिकेय मंडपम् और मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल ले जाना, उड़ाना या एक-दूसरे को लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित था। श्रद्धालुओं ने इस नियम का पूरी तरह से पालन किया। मंदिर प्रशासन द्वारा जांच के बाद ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया गया।

ऐसे किया बाबा महाकाल का श्रृंगार
श्री महाकालेश्वर मंदिर में चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर सुबह 4 बजे हुई भस्म आरती में भगवान महाकाल का पंचामृत पूजन और अभिषेक कर आकर्षक श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल को स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर और घी आदि पंचामृत से अभिषेक किया गया। प्रथम घंटा बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पंचामृत पूजन के उपरांत भगवान महाकाल का श्रृंगार किया गया।

पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर सुबह 4 बजे भगवान महाकाल जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। पूजन-अर्चन के बाद महानिर्वाणी अखाड़े के संतों द्वारा बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई। इस दौरान श्रद्धालु ‘जय श्री महाकाल’ के उद्घोष के साथ बाबा महाकाल के दर्शन कर भक्तिमय हो उठे।

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