उज्जैन: चायना डोर बेचने की फिराक में खड़े तीन युवकों को पुलिस ने पकड़ा

तीनों ने चायना डोर बड़नगर से लाना कबूल किया है। सीएसपी के अनुसार, बड़नगर पुलिस से संपर्क कर उनके ठिकाने का पता लगाया जा रहा है। ठिकाने से चायना डोर उपलब्ध कराने वाले फरार होना सामने आया है, जिनकी तलाश की जा रही है।

उज्जैन में पतंगबाजी में उपयोग होने वाली चायना डोर खूनी साबित हो चुकी है, जिस पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया है। बावजूद तीन युवकों को खूनी डोर बेचने का प्रयास करते हुए पकड़ा गया है। युवक नाबालिग होना बताये जा रहे हैं। मकर संक्रांति पर शहर में पतंगबाजी का उत्सव मनाया जाता है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जायेगी। लेकिन एक माह पहले से आसमान में पतंगों की उड़ान का क्रम शुरू हो जाता है।

पिछले कुछ सालों में पतंग उड़ाने के लिये चायना डोर (नायलोन का धागा) का उपयोग किया जा रहा था। जो जानलेवा साबित हो रही थी। चायना डोर से गला कटने पर पिछले वर्ष एक होनहार छात्रा की मौत तक हो चुकी थी। सैकड़ों लोग घायल होना सामने आ चुके थे। प्रशासन ने डोर खूनी होने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। कुछ सालों से दिसंबर माह में प्रतिबंध के आदेश जारी किये जा रहे हैं। इस बार भी प्रतिबंध लगाकर पुलिस की टीम नजर रखने का काम कर रही है। इसी बीच खबर सामने आई कि नजरअली मिल परिसर में खूनी डोर बेचने के लिये तीन युवक पहुंचे हैं।

कोतवाली थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और तीनों को हिरासत में लेकर उनके पास से सात चायना डोर के गट्टे बरामद किये। सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया कि युवकों में शामिल एक बड़नगर के साजीलालपुरा का रहने वाला है। दो बालअपचारी तांबे वाली चाल एटलस चौराहा और व्यास कालोनी बड़नगर के हैं। तीनों ने चायना डोर बड़नगर से लाना कबूल किया है। सीएसपी के अनुसार बड़नगर पुलिस से संपर्क कर उनके ठिकाने का पता लगाया जा रहा है। ठिकाने से चायना डोर उपलब्ध कराने वाले फरार होना सामने आया है, जिनकी तलाश की जा रही है।

पतंग बाजारों में शुरू होगी सर्चिंग
प्रशासन ने चायना डोर पर 2 माह के लिये प्रतिबंध लगाया है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी प्रतिबंध आदेश को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीम जल्द पतंग बाजार में खूनी डोर को लेकर सर्चिंग शुरू करेगी। वैसे जिन क्षेत्रों में पतंग बाजार लगाता है, वहां की पुलिस आदेश जारी होने के बाद से नजर रख रही है। लेकिन बड़े पैमाने पर सर्चिंग अभियान अब तक शुरू नहीं हुआ है। पूर्व में खूनी डोर के कारोबार में शामिल लोगों के मकान जमीदोंज किये जा चुके है।

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