उज्जैन: भस्मारती में बाबा महाकाल ने श्रीकृष्ण स्वरूप में दिए दर्शन
आज महाकाल का पूजन सामग्री से श्री कृष्ण स्वरूप में आकर्षक श्रृंगार किया गया। साथ ही उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती की ऑफलाइन प्रक्रिया में बदलाव हो गया है। इससे भक्तों के अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन-अभिषेक कर श्रीकृष्ण स्वरूप में आकर्षक श्रृंगार किया गया। जिसने भी इन दिव्य दर्शन का लाभ लिया, वह देखता ही रह गया। इससे पहले भक्तों को दर्शन देने के लिए आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। इसके बाद बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन कर भस्म अर्पित की गई। भस्म आरती में पूरा मंदिर परिसर “जय श्री महाकाल” की गूंज से गुंजायमान हो गया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह, माघ कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर रविवार को बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया। पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का पूजन सामग्री से श्री कृष्ण स्वरूप में आकर्षक श्रृंगार किया गया। यह देखकर भक्त बाबा महाकाल के साथ श्री कृष्ण की भक्ति में लीन हो गए और “जय श्री महाकाल” के साथ “जय श्री कृष्ण” का उद्घोष करने लगे। इसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।
महाकाल मंदिर में बदली भस्म आरती की व्यवस्था
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती के लिए श्रद्धालुओं को अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ऑफलाइन भस्म आरती की अनुमति प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया है। यह प्रस्ताव श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति ने दिया है। ऑफलाइन अनुमति के लिए एक दिन का समय लगता था, लेकिन अब इस प्रक्रिया को सरल किया गया है। ऑफलाइन भस्म आरती की अनुमति के लिए अब रोजाना शाम 7 बजे से 9 बजे तक मंदिर के काउंटर से फॉर्म मिलेंगे।
महाकाल मंदिर प्रबंधक अनुकूल जैन ने बताया कि भस्म आरती की ऑफलाइन अनुमति के लिए बदलाव किया गया है। पहले इस प्रक्रिया में एक दिन का समय लगता था, लेकिन अब इसे और सरल किया गया है। ऑफलाइन भस्म आरती की अनुमति के लिए अब शाम 7 बजे से 9 बजे तक मंदिर के काउंटर से ही श्रद्धालुओं को फॉर्म मिलेंगे। अब भस्म आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को लंबी लाइनों में लगकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।