उज्जैन : बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े ने किया महाकाल के दर्शन

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े सोमवार को विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने सुबह चार बजे होने वाली भस्म आरती के दर्शन किए और उसके बाद नंदी द्वार से भगवान का पूजन अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा महाकाल का पूजन अर्चन और आशीर्वाद लेने के बाद मंदिर से रवाना हो गए।

महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जुनवाल ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती देखी और उसके बाद भगवान की भक्ति में लीन नजर आए। कभी उन्होंने तालियां बजाई तो कभी भोले शंभू भोलेनाथ के जयकारे लगाए।

बाबा महाकाल का चांदी द्वार से पूजन करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने के बाद विशेष अनुभूति होती है। बाबा महाकाल का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। बताया कि यह बाबा महाकाल का आशीर्वाद ही है कि जिससे हम देश की जनता की सेवा अच्छी तरीके से कर रहे हैं।

बीजेपी के मौजूदा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की हमेशा अहम भूमिका रही है। चाहे बिहार में एनडीए गठबंधन को पटरी पर लाना हो या फिर दूसरी पार्टी के अहम नेताओं को बीजेपी में लाने की कवायद हो, इन सबमें विनोद तावड़े के रोल की चर्चा होती रही है। उनका राष्ट्रीय महासचिव बनना एक तरह से पार्टी के अंदर विनोद तावड़े की दमदार वापसी है। इसे समझना हो तो आज से साढ़े चार साल पहले अक्टूबर 2019 को देखना होगा। तब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने बोरीवली सीट से उनका टिकट काट दिया था। तब उन्होंने कहा, मैं आत्मनिरीक्षण करूंगा कि पार्टी ने मुझे बोरीवली से क्यों नहीं खड़ा किया। पार्टी के दृष्टिकोण को भी समझने की कोशिश करूंगा। अगर मुझसे ग़लती हुई तो मैं इसे सुधारूंगा। अगर पार्टी कुछ ग़लत कर रही है तो वे लोग उसे भी सुधारेंगे। लेकिन अभी इस बारे में सोचने का समय नहीं है।

चुनाव नज़दीक हैं और मैं पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। उस समय विनोद तावड़े महाराष्ट्र सरकार में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री थे, लेकिन फिर भी पार्टी ने उनकी जगह मुंबई के बोरीवली विधानसभा क्षेत्र से एकदम नए चेहरे सुनील राणे को उम्मीदवार बनाया था। ये कयास लगाया गया कि विनोद तावड़े का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है और पार्टी ने उनके पर कतर दिए हैं, लेकिन पांच साल के अंदर विनोद तावड़े एक बार फिर पार्टी के लिए अहम ज़िम्मेदारियां निभाते दिख रहे हैं।

Back to top button