उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में चल रहे आरक्षण विवाद पर कहा-‘आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने का समर्थन करेंगे’
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मराठा एवं ओबीसी आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में चल रहे विवाद पर कहा है कि वह आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का समर्थन करते हैं। लेकिन यह अधिकार राज्य के पास नहीं है। संसद के माध्यम से अधिकतम सीमा बढ़ाने का अधिकार सिर्फ संसद के पास है। वहां हमारे सांसद इसका समर्थन करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य को आरक्षण की सीमा बढ़ाने का अधिकार नहीं है। इसे लोकसभा में सुलझाया जा सकता है। यदि 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने के लिए कोई कानून प्रस्तावित किया जाता है, मेरे सांसद इसका समर्थन करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाना चाहिए और उन्हें निर्णय लेना चाहिए। जो भी निर्णय होगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। ठाकरे ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों को नुकसान पहुंचाना चाहती है।
‘विभिन्न वर्गों के साथ करना चाहिए विचार-विमर्श’
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को केवल राजनेताओं के साथ चर्चा करने के बजाय विभिन्न वर्गों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जब तक शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा सत्ता में बने रहेंगे, तब तक मराठों को न्याय नहीं मिलेगा। ठाकरे ने पुनर्विकास के दौर से गुजर रही झुग्गी बस्ती धारावी के निवासियों का उसी क्षेत्र में पुनर्वास करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि धारावी के लोगों को कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।