उत्तराखंड के बाद राजस्थान में भी आएगा UCC
राजस्थान सरकार समान नागरिकता संहिता बिल लाने पर विचार कर रही है और सभी पहलुओं पर विचार करके उचित समय में इस बारे में बिल लाया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने गुरूवार को राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह बात कही। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कालीचरण सराफ ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने हेतु बिल लाने का विचार रखती है?
इसके जवाब में मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, ”जी हां। राज्य सरकार द्वारा इस विषय पर विचार किया जा रहा है। संपूर्ण पहलुओं पर विचार करके सरकार द्वारा उचित समय पर उक्त बिल लाया जायेगा।” उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) मार्च 2024 में लागू कर दिया है। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। इसके बाद कई बीजेपी शासित राज्यों ने यूसीसी लाने का ऐलान किया है। इनमें असम, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं। अब राजस्थान ने भी यूसीसी लाने की घोषणा कर दी है। उत्तराखंड विधानसभा ने 7 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड को विधानसभा से पारित किया था। यूसीसी के तहत अब राज्य में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन संबंधों को नियंत्रित किया जाएगा।
बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए उत्तराखंड की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की थी। चार दिन पहले ही सीएम को 740 पेज की ड्राफ्ट कमेटी की रिपोर्ट सौंपी गई थी। समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक का उद्देश्य नागरिक कानूनों में एकरूपता लाना है। यानी प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून होना. समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। सभी पंथ के लोगों के लिए विवाह, तलाक, भरण-पोषण, विरासत और बच्चा गोद लेने में समान रूप से कानून लागू होगा।