बांग्लादेश में दो और हिंदू संत गिरफ्तार, चिन्मय दास के सचिव भी लापता
चिन्मय कृष्ण दास के बाद बांग्लादेश में दो और हिंदू पुजारियों को गिरफ्तार किया गया है। यह दावा इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने शनिवार को किया। राधारमण ने कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि बांग्लादेश में पुलिस ने दो और इस्कॉन संतों को गिरफ्तार किया है।
शुक्रवार रात को एक्स पर एक पोस्ट में राधारमण ने लिखा, “इस बीच बुरी खबर आई है। चिन्मय प्रभु के लिए प्रसाद लेकर गए दो भक्तों को मंदिर वापस जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया और चिन्मय प्रभु के सचिव भी लापता हैं। कृपया उनके लिए प्रार्थना करें।”
चटगांव पुलिस ने की कार्रवाई
इससे पहले शुक्रवार को राधारमण ने पोस्ट कहा था कि एक और ब्रह्मचारी श्याम दास प्रभु को आज चटगांव पुलिस ने गिरफ्तार किया। राधारमण ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया कि क्या वह आतंकवादी जैसा दिखता है? निर्दोष इस्कॉन ब्रह्मचारियों की गिरफ्तारी बेहद चौंकाने और परेशान करने वाली है।
अब तक तीन हिंदू संत गिरफ्त में
पिछले सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चिन्मय दास को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें अदालत के सामने पेश किया गया। जहां से अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया है। चिन्मय बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता हैं। चिन्मय की गिरफ्तारी के बाद से बांग्लादेश में तीन हिंदू संतों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बांग्लादेश में सिर्फ 8 फीसदी हिंदू
साल 1971 में बांग्लादेश एक आजाद मुल्क बना। उस वक्त वहां हिंदुओं की आबादी करीब 22 फीसदी थी। मगर पिछले पांच से अधिक दशकों में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार की वजह से आबादी तेजी से घटी। वर्तमान में बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी महज 8 फीसदी है। पांच अगस्त को छात्रों के हिंसक आंदोलन की वजह से शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। इसके बाद से ही वहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को अंजाम दिया जा रहा है।
(कोलकाता में प्रदर्शन करते हिंदू जागरण मोर्चा के सदस्य। फोटो- पीटीआई )
बांग्लादेश जिस भाषा में समझे, उस में समझाएं: अभिषेक
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाना केंद्र की जिम्मेदारी है। डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक ने कहा, “बांग्लादेश के मुद्दे में पश्चिम बंगाल की कोई भूमिका नहीं है। मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि आपको देश के संविधान का पालन करना होगा। केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे को बांग्लादेश के साथ सबसे कड़े तरीके से या उनकी समझ में आने वाली भाषा में उठाए।”
‘भाजपा के लिए सबकुछ राजनीति’
चिन्मय दास की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर कोलकाता में भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर अभिषेक बनर्जी ने कहा, “बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। भाजपा के लिए, सब कुछ राजनीति है, चाहे वह आरजी कार हो या बांग्लादेश। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता में उनकी सरकार है तो भाजपा नेता दिल्ली जाकर विरोध क्यों नहीं करते?”