ढाई साल भूटान में घूमने का मौका, भारतीय पर्यटकों के लिए…

अगर आप भूटान घूमना चाहते हैं तो सिक्किम, पश्चिम बंगाल या असम की बार्डर से होते हुए ही भूटान में एंट्री ली जा सकती है. हाल ही में ‘समद्रुप जोंगखर’ और ‘गेलेफू’ बॉर्डर कोविड 19 महामारी के बाद खोला गया है. आपको बता दें कि ये दोनो बॉर्डर असम में स्थित है. ढाई साल के बाद भूटान में पर्यटकों को घूमने का मौका मिलेगा. ऐसे में भूटान सरकार ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस भी बढ़ा दी है. पहले ये फीस एक रात के लिए 65 डॉलर प्रति व्‍यक्ति वसूली जाती थी. लेकिन कोरोना महामारी में भूटान को भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में इस फीस को भी दोगुना से ज्‍यादा बढ़ा दिया है. भारतीय पर्यटकों के लिए ये फीस कितनी है? हिमालयी साम्राज्य के निदेशक ताशी पेनजोर ने भारतीयों से की भावुक अपील. 

कोविड 19 के बाद अब खुली बॉर्डर 

आपको बता दें कि हिमालयी साम्राज्य के निदेशक ताशी पेनजोर के नेतृत्व में एक भूटानी प्रतिनिधिमंडल ने बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इसमें फैसला लिया गया था कि 23 सितंबर से ‘समद्रुप जोंगखर’ और ‘गेलेफू’ बॉर्डर को खोल दिया जाएगा. इस बॉर्डर के खुलने के बाद से ही भारत और भूटान के बीच व्यापार, वाणिज्य और आधिकारिक आवाजाही भी शुरू हो चुकी है. 

भूटान की यात्रा करने की अपील

भूटान के गृह एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय में बतौर निदेशक पदस्‍थ ताशी पेनजोर ने इस दल का नेतृत्व किया था. उन्‍होंने भारतीयों से एक भावुक अपील की है. उन्‍होंने कहा कि पिछले ढाई सालों में, दोनों देशों के कई अधिकारी बदल गए हैं, इसके अलावा दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में मित्रता और लोगों में संपर्क स्‍थापित भी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने भारतीय पर्यटकों से अपील की है कि गेलेफू और समद्रुप जोंगखर बॉर्डर से एंट्री करके भूटान की यात्रा करें. 

सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस बढ़कर हुई 200 डॉलर!

भूटान सरकार अपने यहां आने वाले यात्रियों से सतत विकास फीस वसूलती है. पहले ये फीस 65 डॉलर प्रति रात प्रति व्‍यक्ति होती थी. जिसे अब बढ़ाकर 200 डॉलर प्रति व्‍यक्ति प्रति रात कर दिया गया है. हालांकि भारतीयों के लिए ये फीस 1200 रुपये रखी गई है. आपको बता दें कि भूटान की अर्थव्‍यवस्‍था पर्यटन पर बहुत हद तक निर्भर है. भूटान में लगभग 8 लाख जनसंख्‍या है, जिसमें से तकरीबन 61 हजार लोग कोविड से संक्रमित हुए थे. वहीं सिर्फ 21 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी, हालांकि इन दो सालों में भूटान की अर्थव्‍यवस्‍था को काफी गहरी चोट पहुंची है. इसी समय में वहां पर लोगों में गरीबी भी बढ़ी है. 

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