इस देश की ये जनजाति पीती है जिन्दा जानवरों का खून

अफ्रीका को कई मशहूर ट्राइब्स के ठिकानों के तौर पर जाना जाता है। इनकी अपनी अलग-अलग परंपराएं और रिवाज हैं। इन्हीं में से एक है मसाई ट्राइब्स, जिनकी चरवाहों और योद्धाओं के रूप में पहचान है। ये तंजानिया और केन्या के इलाको में रहते हैं।इस देश की ये जनजाति पीती है जिन्दा जानवरों का खून

आइए जानते है इनसे जुडी कुछ रोचक बातें-

1. अपने कल्चर और पॉपुलर टूरिस्ट प्लेसेज के पास रहने के चलते ये काफी मशहूर हैं। ये ज्यादातर मसाई मारा, सेरेनगेटी और अंबोसेली जैसे रिजर्व के पास रहते हैं। केन्या और तंजानिया में इनकी संख्या दस लाख के करीब है।

2. इनके अपने बनाए मौखिक नियम-कायदे हैं, जो इनकी जिंदगी के सभी पहलुओं को समेटते हैं। मसाई समुदाय में समूह का बुजुर्ग पुरुष मुखिया होता है और उसी के फैसले माने जाते हैं।

3. इनके लाल रंग के कपड़ों से इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है, जिसे शुका कहते हैं।

4. इनके यहां मौत के बाद शव दफनाया नहीं जाता, बल्कि खुले में छोड़ दिया जाता है। इसके पीछे मान्यता ये है कि शव दफनाने से जमीन खराब हो जाती है।

5. मसाई आदिवासी घुमंतुओं की तरह जिंदगी जीते हैं, ताकि इनके जानवरों को चरने के लिए नई जगह मिल सके।इनकी जिंदगी में जानवरों की भूमिका काफी अहम है, ये मसाई आदिवासियों के खाने का जरिया हैं।

6. इनकी संपत्ति इनके जानवरों और बच्चों की संख्या से तय होती है।

7. मसाई खाने के लिए दूध और मीट से लेकर कुछ खास मौकों पर एनिमल ब्लड तक का इस्तेमाल करते हैं। खतना के बाद या फिर बीमारी और डिलिवरी जैसे मौकों पर ये जानवरों का खून पीते हैं।

8. जानवरों के खून को इम्युन सिस्टम के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा नशा कम करने के लिए या हैंगओवर कम करने के लिए खून पीते हैं।

9. जानवरों का खून दो तरीकों से पिया जाता है। पहले तरीके में जानवरों की गर्दन पर तीर से छेद करके कुछ मात्रा में खून इकठ्ठा किया जाता है।

10. दूसरे तरीके में जानवरों की गर्दन काटकर सीधे ही मुंह लगाकर खून पिया जाता है।

11. ये जहां भी जाते हैं, छोटी-छोटी झोपड़ियां बनाकर रहते हैं, जिसके चारों तरफ फेंसिंग होती है।

12. मसाई जनजाति के लोगों की यह परंपरा अब खत्म हो चुकी है। पहले यहां ‘मर्द’ बनने का एक ही तरीका था, भाले से शेर का शिकार करना।

13. जानवरों की खाल इनके यहां बिस्तर के तौर पर इस्तेमाल होती है।

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