खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता के मानक का ख्याल रखें व्यापारी
गड़बड़ी मिलने पर होगी कार्रवाई, इसलिए व्यापारी लें प्रशिक्षण
व्यापारियों की शिकायतों को सुनकर उसका निस्तारण किया गया
सुरेश गांधी
वाराणसी : गुणवत्ता एवं खाद्य संरक्षा, खाद्य उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक हो गयी है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए कुल गुणवत्ता प्रबंधन (टीक्यूएम) के विभिन्न आयामों जैसे कि गुणवत्ता नियंत्रण, गुणवत्ता प्रणाली तथा गुणवत्ता आश्वासन को क्षैतिज प्रकार से कार्य करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता संरक्षा एवं जनस्वास्थ्य के हित में, बाजार में विनिर्मित एवं बेचे जा रहे खाद्य उत्पादों को खाद्य संरक्षा नियामक द्वारा निर्धारित कठोर मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उपर्युक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने निम्नलिखित घटकों के तहत स्कीम के अतर्गत वित्तीय सहायता को बढ़ाया है।
ऐसे में जरुरी है कि व्यापारी खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता के मानक का खास ख्याल रखें। जांच में गड़बड़ी पाएं जाने पर दंडात्मक कार्रवाई होना तय है। इसी को ध्यान में रखते हुए रविवार को सेंटर फॉर फूड एंड वॉटर टेक्नोलॉजी फ़ूड डिपार्टमेंट के सहयोग से वाराणसी व्यापार मंडल से संबंध वाराणसी युवा व्यापार मंडल एवं युवा काशी बिस्कुट एंड कन्फेक्शनरी व्यापार मंडल एवं सेवई व्यापार मंडल व्यापार मंडल के तत्वाधान में नमकीन, बेकरी, मिठाई एवं अन्य खाद्य उत्पादों के व्यापारियों का प्रशिक्षण शिविर मैदागिन स्थित पराडकर भवन में आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने की।
इस दौरान मुख्य अतिथि सहायक आयुक्त संजय प्रताप सिंह, विभागीय एक्सपोर्ट्स फूड सेफ्टी ऑफिसर संतोष वर्मा, वाराणसी मंडल फूड एनालिस्ट श्यामवीर सिंह, फूड एनालिस्ट श्रीमती ज्योत्सना बाजपेई, फूड सेफ्टी ऑफिसर विनोद वर्मा, भदोही फूड सेफ्टी ऑफिसर चंदन पांडे, डॉ अभिषेक गुप्ता बीएचयू, फूड सेफ्टी ऑफिसर मानवेंद्र द्वारा खाद्य वस्तुओं जैसे नमकीन बेकरी मिठाई एवं अन्य खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता को उन्नत बनाने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मानक के अनुसार समान बनाने के लिए व्यापारियों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही विभाग द्वारा बताया गया कि इस सेमिनार के बाद भी किसी व्यक्ति को नए उत्पाद बनाने के लिए जानकारी लेनी है तो वह विभाग से संपर्क कर विस्तार से जानकारी ले सकता है।
अधिकारियों द्वारा बताया गया की लोकल स्तर पर उत्पाद का निर्माण करके किस तरह इंटरनेशनल लेवल पर आप कार्य कर सकते हैं। कहा गया कि इसके लिए कई सरकारी योजनाएं हैं, जिकी मदद से आप फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के व्यापार में आ रही दुशवारिया को दूर कर सकते है। बैठक में प्लानिंग एवं फंडिंग की इम्प्लीमेंटेशन पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि यदि कोई एक नया प्रोडक्ट बनाना चालू किया है तो प्रोडक्ट क्वालिटी की जांच कराने के लिए बीएचयू में स्थित एनएफटीएचएम-आईएमएस संस्था, जो आईआईटी बीएचयू के पास स्थित है, में करा सकते हैं। शिवपुर स्थित रीजनल पब्लिक अनलिस्ट लैब विभाग से फूड इंडस्ट्री में प्रयुक्त पानी की जांच करा सकते हैं।
इस अवसर पर व्यापारियों की शिकायतों को भी सुना गया और उसका निस्तारण किया गया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री मनीष गुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर रमेश निरंकारी, कविंद्र जायसवाल, सुशील लखवानी, मनीष गुप्ता, दीप्तिमान देव गुप्ता, विकास गुप्ता, जय निहलानी, संजय गुप्ता, राम कुमार केसरी, सत्यप्रकाश जायसवाल, जितेश जायसवाल, आशीष गुप्ता, शाहिद कुरेशी, रवि सिंह, रामकुमार यादव, जसीम अंसारी, पवन गुप्ता, अंबे सिंह, वीरेश नारायण गुप्ता, अमन जायसवाल, जितेंद्र गुप्ता, रजत पटेल, विजय प्रजापति, शुभम जायसवाल, गुफरान कुरेशी, कमलेश गुप्ता, विनोद गुप्ता, सचिन मौर्य, नीरज गुप्ता, चांदनी श्रीवास्तव, सुनीता सोनी प्रिया अग्रवाल सुमन सिंह अंजू गुप्ता गुड़िया सुनील गुप्ता रुपाली डे आशा गुप्ता रोशन जायसवाल राजीव वर्मा अरविंद जायसवाल आदि लोग उपस्थित थे।