नोहलेश्वर महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने में लगे पर्यटन मंत्री, राज्यपाल को दिया न्यौता!

महोत्सव के दौरान विभिन्न लोक कलाकारों द्वारा लोकनृत्य, भजन, लोकगीत तथा संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। कवि सम्मेलन का आयोजन भी होगा। समारोह का समापन भजन गायक लखबीर सिंह लख्खा की भजन संध्या के साथ होगा।

दमोह जिले की जबेरा विधानसभा के नोहटा में 18 फरवरी से आयोजित होने जा रहे नोहलेश्वर महोत्सव की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह इस महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने राजभवन में जाकर राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात कर उन्हें महोत्सव में आने का आमंत्रण दिया है। वहीं, राज्यमंत्री के भाई सत्येंद्र सिंह ने तेंदूखेड़ा जनपद सभागार में तेंदूखेड़ा ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव के साथ एक बैठक कर नोहलेश्वर कार्यक्रम का प्रत्येक गांव में प्रचार-प्रसार करने की बात कही।

सरपंच, सचिव, सहायक सचिव संघ की बैठक में राज्यमंत्री के भाई सत्येंद्र सिंह ने कहा कि आगामी 18 फरवरी को नोहलेश्वर महोत्सव का आयोजन नोहटा मेला परिसर में किया जा रहा है। विधानसभा की हर एक पंचायत तक इसकी जानकारी पहुंचाने एवं अधिक संख्या में ग्रामीणों को महोत्सव में लाने के लिए निर्देश दिए गए। बता दें कि दमोह जिले के नोहटा स्थित नोहलेश्वर मंदिर परिसर में 18 से 28 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी के विशेष आतिथ्य में होगा।

महोत्सव में होंगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
महोत्सव के दौरान विभिन्न लोक कलाकारों द्वारा लोकनृत्य, भजन, लोकगीत तथा संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। कवि सम्मेलन का आयोजन भी होगा। समारोह का समापन भजन गायक लखबीर सिंह लख्खा की भजन संध्या के साथ होगा।

नोहलेश्वर मंदिर का इतिहास
दमोह जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर नोहटा गांव में नोहलेश्वर शिव मंदिर स्थित है। यहां भगवान शिव का प्राचीन शिवलिंग विराजमान है। इसकी गिनती बुंदेलखंड के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिरों में होती है। बताया जाता है कि इसे 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। मंदिर के चारों ओर खजुराहो की तरह पत्थरों पर नक्काशी नजर आती है। यह मंदिर दमोह-जबलपुर स्टेट हाईवे पर मुख्य सड़क के किनारे स्थित है। मंदिर का निर्माण 100 फीट लंबाई-चौड़ाई वाले छह फीट ऊंचे चबूतरे पर किया गया है। मंदिर का प्रवेश द्वार पांच शाखाओं में विभक्त है। मंदिर के चार मुख्य स्तंभ हैं। इस मंदिर के गर्भगृह का शिखर अत्यंत अलंकृत है, जिसमें शिवलिंग स्थापित है। इस बार राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने नोहलेश्वर मंदिर की फोटो संस्कृति विभाग के कैलेंडर में प्रकाशित करवाई है।

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