आज हम आपको उस हसीना पारकर के बारे में बताएंगे जिसे लेडी डॉन कहते है..

आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताने जा रहे हैं। जिसमें एक ईमानदार हेड कॉन्स्टेबल का लड़का दुनिया का एक नामी डॉन बना और उसकी बहन ने एक पूरे राज्य की कमान संभाली।आज हम आपको उस हसीना पारकर के बारे में बताएंगे जिसे लेडी डॉन कहते थे …

मुंबई…मायानगरी मुंबई, जहां सपने देखे जाते हैं, और उन सपनों को पूरा करने के लिए जमकर मशक्कत की जाती है। और जब किस्मत मेहरबान हो जाए तो सितारों की दुनिया का हिस्सा भी बनने का मौका दे देती है ये मायानगरी मुंबई। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब मुंबई के लोगों के सपने और उनकी किस्मत एक भाई और उसके बाद उसकी बहन की मुट्ठियों में कैद थी। एक हेड कॉन्स्टेबल के बेटे और बेटी ने देश की वित्तीय राजधानी कहे जानी वाली ग्लैमर से भरपूर मायानगरी मुंबई को अपने इशारों पर नचाया।

जी हां, आज हम बात करेंगे कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की जिसने दाऊद के देश से भाग जाने के बाद पूरी मुंबई पर राज किया। आखिर क्या थी हसीना पारकर की कहानी और कैसे वो बन गई जुर्म की दुनिया की सबसे बड़ी आपा, यानि हसीना आपा।

कौन थी हसीना पारकर

मुंबई में जहां हाजी मस्तान से लेकर करीम लाला तक और फिर उसके बाद दाऊद जैसे कई मर्दों ने राज किया उस बीच हसीना पारकर जैसी लेडी डॉन भी बनी जिन्होंने अपराध की दुनिया में अपना पैठ जमाया। इस तरह अपराध की दुनिया में एक गॉडमदर का उदय हुआ

हसीना पारकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के मुमका गांव में पैदा हुई थी। वे कुल 12 भाई-बहन है जिनमें हसीना 7वीं संतान और दाऊद इब्राहिम तीसरे है। हसीना पारकर कुख्यात डकैत, ड्रग डीलर और आतंकवादी दाऊद इब्राहिम कासकर की छोटी बहन थी।

हसीना के पिता इब्राहिम कास्कर मुंबई पुलिस विभाग में एक हेड कांस्टेबल थे और उनकी मां अमीना बी एक गृहिणी थीं। हसीना अंडरवर्ल्ड के मामलों में तब शामिल हुईं जब 1991 में उनके पति इस्माइल पारकर को अरुण गवली और गिरोह ने गोली मार दी थी। कुख्यात जेजे अस्पताल शूटआउट को दाऊद इब्राहिम ने अपने मृत जीजा की मौत का बदला लेने के लिए अंजाम दिया था। 

इन अपराधों में शामिल थी हसीना 

हसीना ने अपने भाई दाउद के नाम का फायदा तो उठाया ही था, लेकिन अब वह खुद एक स्थापित माफिया तंत्र का हिस्सा थी। फिरौती, जबरन वसूली, हवाला कारोबार, फिल्मों के ओवरसीज राइट्स लेना, केबल कारोबारियों से प्रोटेक्शन मनी लेना उसके मुख्य धंधे थे। हसीना इतनी प्रभावशाली थी कि एसआरए योजनाओं के तहत अपने प्लॉट के पुनर्विकास के लिए झुग्गीवासियों से “अनुमति” प्राप्त करने में मदद करने के लिए बिल्डरों द्वारा उनसे संपर्क किया जाता था।

हालांकि, इतने सालों के अपराध में हसीना पर सरकारी लैंड प्रोजेक्ट (स्लम रीडवलपमेंट अथॉरिटी) को लेकर केवल एक बार ही एफआईआर 21 अप्रैल 2007 को दर्ज की गई थी।

हसीना के परिवार में थे ये लोग 

हसीना के परिवार में पति इस्माइल, दानिश और अली शाह नाम के दो बेटे और दो बेटियां थी। जिसमें से एक की शादी 2005 में हो गई थी। वहीं बड़े बेटे दानिश की मौत 2006 में एक सड़क हादसे में हो गई थी। हसीना अपने छोटे बेटे अली और पारिवारिक सहयोगी सलीम के साथ मिलकर ही सारा काम देखती थी।

भाई दाऊद और बहन हसीना का अटूट रिश्ता 

हसीना हमेशा अपने भाई दाऊद इब्राहिम का समर्थन करने के लिए जानी जाती हैं। दाऊद के दुबई जाने के बाद, उसने उसके नक्शेकदम पर चलते हुए मुंबई में कारोबार संभाला। रिपोर्टों के अनुसार, पारकर के पास 5000 करोड़ की बेनाम संपत्ति थी।

हसीना के साथ जुड़े ये प्रमुख विवाद

  • पारकर कथित तौर पर अपने भाई दाऊद इब्राहिम के निर्देश पर मुंबई में जबरन वसूली का रैकेट चला रही थी।
  • हसीना पारकर के नाम पर 88 मामले दर्ज थे लेकिन उन्हें केवल एक बार अदालत में भेजा गया था।
  • पारकर पर साल 2008 में जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था।
  • हसीना पारकर पर हवाला रैकेट का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था। हसीना भारत से मध्य पूर्व में पैसा भेजती थीं।
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