आज है रमजान का आखिरी जुमा

इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पाक माना गया है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, रमजान में रोजा रखने से रोजेदार पर अल्लाह मेहरबान होते हैं, और उसके हर मुराद पूरी करते हैं। साथ ही इस्लाम धर्म में जुमा के दिन का खास महत्व माना गया है। वहीं, रमजान के महीने में पड़ने वाले जुमा का महत्व और भी कई गुना बढ़ जाता है। इसे अलविदा जुमा कहा जाता है और इस दिन को इस्लाम धर्म में एक पर्व की तरह मनाया जाता है।

अलविदा जुमा मुबारक 2024

मिले हर कदम पर रजा-ए-खुदा

फ़ना हो लब्ज-ए-गम यही है दुआ

बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा

अलविदा जुम्मा मुबारक।

आपके चेहरे पर हंसी सदा रहे,

मेरा हर लफ्ज आपके लिए दुआ रहे,

जिंदगी में पाओ खुशी हर कदम पर,

दुनिया का हर गम सदा रहे दूर आपसे.

अलविदा जुम्मा मुबारक

या अल्लाह आज जुमा की नमाज के बाद जितने भी

हाथ तेरी बारगाह में दुआ के लिए उठे हैं

सब की दुआ कबूल फरमा

अलविदा जुमा की मुबारक 2024।

हवा की खुशबू मुबारक

फिजा को मौसम मुबारक

दिलों को प्यार मुबारक

आपको हमारी तरफ से अलविदा जुम्मा मुबारक।

तस्वीर-ए-कायनात का अक्स है अल्लाह,

दिल को जो जगा दे वो एहसास है अल्लाह,

ऐ बंदे मोमिन तेरा दिल क्यों उदास है,

हर पल-हर लम्हा तेरे पास है अल्लाह,

अलविदा जुम्मा मुबारक 2024।

हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा

मिले हर कदम पर रजा-ए-खुदा

फ़ना हो लब्ज-ए-गम यही हैं दुआ

बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा

अलविदा जुमा आपको मुबारक।

अंधेरों को नूर देता है जिक्र उसका,

दिल को सुरूर देता है,

उसके दर पर जो भी मांगो,

वह अल्लाह है जरूर देता है,

अलविदा जुम्मा मुबारक।

मेरे दिल का नगीना है,

वो मेरे दिल में रहते हैं,

मेरा दिल एक मदीना है,

अलविदा माहे रमजान.

अलविदा जुम्मा मुबारक

Back to top button