आज है मासिक दुर्गाष्टमी, नोट करें पूजा विधि, शुभ रंग, भोग और मंत्र

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत बहुत कल्याणकारी माना जाता है। यह दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह व्रत (Masik Durgashtami 2024) 4 जून, 2024 दिन शुक्रवार यानी की आज के दिन रखा जाएगा। इस शुभ अवसर पर भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन व्रत का पालन करते हैं, तो आइए पूजा से पहले यहां दी गई पूजा विधि के बारे में अच्छे से जान लेते हैं।

माता दुर्गा का शुभ रंग – लाल

भोग – बर्फी, हलवा, पूरी और चने

मासिक दुर्गाष्टमी 2024 पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
घर और मंदिर को अच्छी तरह साफ करें।
हलवा, पूरी और चने का भोग तैयार करें।
देवी का विधिवत अभिषेक करें।
उन्हें रोली, हल्दी, कुमकुम का तिलक लगाएं।
देवी दुर्गा के सामने एक दीपक जलाएं।
गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें।
इसके अलावा फूल, मीठा पान, सूखे मेवे और 5 प्रकार के मौसमी फल चढ़ाएं।
देवी को शृंगार का सामान जरूर चढ़ाएं।
माता रानी के कवच, अर्गला, कीलक सहित दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
माता रानी के वैदिक मंत्रों का भी जाप करें।
अंत में दुर्गा चालीसा के बाद देवी की भव्य आरती करें।
अगले दिन सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।

इन वैदिक मंत्रों से करें माता रानी की पूजा

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

    ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

      दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।

      या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

        नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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